48 घंटो से रुक रुक हो रही वर्षा धान की फसल के लिए वरदान
आजमगढ़: धूप-छांव के खेल के बीच परेशान लोगों की आस बुधवार की शाम से भगवान ने पूरी करनी शुरू की, तो गुरुवार को दोपहर तक आसमान से अमृत की वर्षा हुई। अन्नदाताओं के चेहरे खिल उठे। सुबह हुई तो खेतों में हरियाली देख किसानों ने यूरिया का छिड़काव शुरू कर दिया। रुक-रुककर हो रही वर्षा को किसान फसल के लिए संजीवनी मान रहे हैं। देवगांव में बुधवार की शाम शुरू झमाझम वर्षा ने गुरुवार को भी उमस से राहत दे दी। खेतों की भी प्यास बुझी और बूंद-बूंद धान की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई। धान की फसल इतने की पानी से लहलहा उठी। अगर इसी तरह से रुक-रुक कर वर्षा होती रही तो फसलों को लाभ मिलेगा और डीजल पर खर्च होने वाले धन की बचत होगी। रानी की सराय में अच्छी वर्षा से धान की फसल को संजीवनी मिल गई। खेतों में पानी भरने से सूख रही धान की फसल को लेकर किसानों में उम्मीद जग गई है। ट्यूबवेल आदि के सहारे किसानों ने धान की रोपाई कर दी थी, लेकिन बीच में वर्षा न होने से किसान परेशान थे। पानी के अभाव में फसलो में रोग के भी प्रभाव हो रहे थे। उम्मीद पाले किसानों की उम्मीद बुधवार की शाम से भगवान ने पूरी करनी शुरू कर दी। खेतों में पानी लगने से किसानों को बहुत राहत मिली। किसानों ने कहा यदि इसी तरह से वर्षा होती रही, तो पैदावार भी अच्छी होगी। दूसरी ओर वर्षा से आम जनमानस समेत पशु-पक्षियों को भी राहत मिली। खेत- खलिहान में पानी की तलाश पूरी हो गई।
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