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आजमगढ़: महिला की हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा 


पति पर 10 हजार का जुर्माना भी लगा,साक्ष्य के अभाव में ससुर दोष मुक्त

आजमगढ़: विवाहिता की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपी ससुर को दोष मुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर दो सौरभ सक्सेना ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी छोटेलाल पुत्र विश्वंभर निवासी बागबहार थाना पवई की पुत्री रीना की शादी चंद्रदेव पुत्र रामदुलार निवासी कटार थाना फूलपुर के साथ हुई थी। शादी के बाद दहेज को लेकर रीना का ससुराल में रीना का उत्पीड़न होने लगा। ससुराल वाले आए दिन रीना को मारते पीटते थे।वादी छोटेलाल को 27 जून 2016 को सूचना मिली कि ससुराल में रीना को जलाकर हत्या कर दी गई है। जब वादी मुकदमा विश्वंभर रीना की ससुराल कटार पहुंचा तो पता चला कि लोग अंतिम संस्कार के लिए कुंवर नदी के किनारे गए हैं। जब वादी मुकदमा नदी पर पहुंचा तो ससुराल के लोग अधजली लाश छोड़कर भाग गए। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद पति चंद्रदेव तथा ससुर रामदुलार के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता छोटेलाल,नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, अंकुश, विवेचक अजीत सिंह, विवेचक अनिल चंद तिवारी तथा हेड कांस्टेबल अमरनाथ को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति चंद्रदेव को आजीवन सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। बचाव पक्ष की तरफ से वंश गोपाल सिंह एडवोकेट ने पैरवी की।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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