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आजमगढ़: अपनी सरलता सहजता के कारण सर्वग्राह्य है हिंदी



डीएवी पीजी कॉलेज के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में मनाया गया हिंदी दिवस

आजमगढ़: डी ए वी पीजी कॉलेज के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में हिंदी दिवस मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो० गीता सिंह और संचालन हिंदी विभाग के असि० प्रो० जितेन्द्र कुमार 'नूर' ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो० सौम्य सेनगुप्ता ने हिंदी के उद्भव और विकास पर प्रकाश डाला तथा विशिष्ट अतिथि प्रो विजय कुमार ने हिंदी को व्यवहारिकता के साँचे में मढ़ने की बात कही ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रो० गीता सिंह ने बताया कि विश्व के लगभग 200 विश्वविद्यालयों में हिंदी के अध्ययन एवम् अध्यापन कार्य हो रहा है। वैश्विक पटल पर मंदारिन और अंग्रेजी के बाद हिंदी का तीसरा स्थान है। डिजिटल युग में हिंदी फिल्मों के गीत, संवाद, अनुवाद से लेकर विज्ञापनों तथा सरकारी कार्यक्रमों तक छाई हुई है । विदेशी विद्वानों ने भी हिंदी में बहुत रुचि ली है हिंदी की पहली डी लिट उपाधि यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन ने जे ई कारपेंटर को तुलसी दास का धर्म दर्शन पर दी गई। हिंदी साहित्य का पहला इतिहास फेंच विद्वान गार्सा द तासी ने लिखा। हिंदी अपनी सरलता, सहजता के कारण सर्वग्राह्य बनती जा रही है।
छात्रों की तरफ से कंचन, नेहा, अभयराज, अंशिका पाल, अंशु विश्वकर्मा, विदुषी और निधि सोनकर ने भी हिंदी दिवस पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ राजेश यादव, अवनीश राय, डा सुरेंद्र कुमार एवम् सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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