अन्य मामले दर्ज होने के चलते सपा विधायक को अभी जेल में ही रहना होगा
आजमगढ़. हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर मामलों में जुलाई माह से जेल में बंद सपा विधायक रमाकांत यादव को शनिवार को बड़ी राहत मिली। दलित उतपीड़न के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने रमाकांत यादव की जमानत मंजूर कर ली। वैसे रमाकांत यादव को अब भी जेल में ही रहना होगा। कारण कि उनके खिलाफ कई मामले विचाराधीन है जिसमें हत्या के प्रयास के मामले में निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। बता दें कि वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव व बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी के बीच फायरिंग हुई थी। इस मामले में दोनों पक्षों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट अदालत में पेश कर दी थी। कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद रमाकांत यादव जुलाई माह में कोर्ट में सरेंडर कर दिए थे। इस मामले में उनकी जमानत निचली अदालत से खारिज हो चुकी है। वहीं पुलिस ने रमाकांत यादव को फरवरी 2022 में माहुल में हुए जहरीली शराब कांड में भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा वर्ष 2004 में चुनाव के दौरान रमाकांत पर दलित के साथ मारपीट करने सहित कुल 42 मुकदमें विचाराधीन है। रमाकांत यादव के खिलाफ सरायमीर थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले में उनके अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने शनिवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई की। सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने सशर्त जमानत मंजूर किया। अन्य मामलों में जमानत न मिलने के कारण रमाकांत यादव को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।
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