.

.
.

आजमगढ़: निर्माण कार्यों हेतु भूमि उपलब्धता को डीएम को अवगत करायें: मण्डलायुक्त


निर्माण कार्यों की समीक्षा में बोले कमिश्नर, कार्यों से संतुष्टि न होने पर ठेकेदार पर नरमी न दिखाएं

आज़मगढ़ 23 अगस्त -- मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मण्डल के जनपदों में स्वीकृत परियोजनाओं हेतु यदि भूमि उपलब्ध नहीं है तो तत्काल सम्बन्धित जिलाधिकारी को अवगत कराया जाय, ताकि उनके स्तर से भूमि उपलब्धता के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही कराई जा सके। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने मंगलवार को अपने कार्यालय सभागार में मण्डल के जनपदों में 50 लाख एवं उससे अधिक लागत तथा 50 करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कार्यदायी विभागों को यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के सम्बन्ध में भलीभांति अवलोकन करने के उपरान्त ही रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाय, ताकि बाद में किसी प्रकार विसंगति उत्पन्न होने की संभावनाओं से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति तथा संशोधित आगणन को समय से अपडेट करें। समीक्षा के दौरान बताया कि मण्डल में सड़को को छोड़कर 50 लाख तथा उससे अधिक लागत की कुल 340 परियोजनायें हैं, जिसमें आज़मगढ़ की 134, मऊ की 61 एवं बलिया की 145 परियोजनायें शामिल हैं। इन परियोजनाओं में आज़मगढ़ में 14, मऊ में 8 एवं बलिया में 23 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि तीनों जनपदों में 3-3 परियोजनायें अभी अनारम्भ हैं। यह भी बताया गया कि अपूर्ण कई परियोजनायें इस माह में पूर्ण हो जायेगीं। इसी प्रकार सड़क निर्माण हेतु मण्डल में 50 लाख एवं उससे अधिक लागत की कुल 67 परियोजनायें हैं, जिसमें आज़मगढ़ 19, मऊ में 22 एवं बलिया 26 सड़कें हैं। इन सड़कों में आज़मगढ़ एवं मऊ में 3-3 सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है, तीनों जनपद में शेष सभी कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं। सड़क निर्माण कार्य हेतु अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष मण्डल की वित्तीय प्रगति 99 प्रतिशत है। यह भी अवगत कराया गया कि मण्डल में 50 करोड़ से अधिक लागत की कुल 21 परियोजनायें जिसमें कई पूर्ण हो चुकी हैं, शेष परियोजनाओं में अधिकांश परियोजनायें शीघ्र ही पूर्ण हो जायेंगी।
मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने परियोजनावार कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया कि कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के स्तर कई परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ नहीं हुए हैं। इस सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था द्वारा भूमि का अनुपलब्ध होना एवं कतिपय स्थानों पर भूमि विवाद होना बताया गया। इसी प्रकार कतिपय कार्यदायी संस्थाओं के स्तर पर कुछ परियोजनायें अपूर्ण रहने के सम्बन्ध में ठेकेदार के स्तर पर लापरवाही किया जाना बताया गया। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने इस सम्बन्ध में निर्देशित किया कि यदि किसी भी ठेकेदार के स्तर पर कार्यों में अनावश्यक विलम्ब, मानकों की अनदेखी, बार बार कार्य बन्द किया जाना, कार्य असन्तोषजनक पाया जाता है तो सम्बन्धित ठेकेदार के प्रति नरमी दिखाने की आवश्यकता नहीं, बल्कि उसका टेण्डर निरस्त करने, ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जाय। बैठक में अपर निदेशक, पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि उनके विभाग से सम्बन्धित एक कार्य जो हैण्डओवर हो चुकी है उसमें कई कमियॉं हैं, जिसे कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल द्वारा दूर नहीं कराया जा रहा है। जबकि कार्यदायी संस्था द्वारा कार्य पूर्ण होना बताया गया। मण्डलायुक्त ने इस सम्बन्ध में अधीक्षण अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग आज़मगढ़ को निर्देश दिया कि हैण्डओवर के समय स्टीमेट के अनुसार पाई गयी कमियों तथा उन कमियों को दूर करने हेतु सम्बन्धित कार्यदायी संस्था द्वारा कराये गये कार्यों आदि का परीक्षण कर स्पष्ट आख्या उपलब्ध करायें।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment