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आजमगढ़: स्वाथ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करायें: मण्डलायुक्त


सभी सीडीओ मनरेगा में मशीनों के प्रयोग पर सख्ती से रोक लगायें

नहरों में पानी ऐसे चलाएं की सभी को मिले,विवाद की स्थिति न हो

आज़मगढ़ 20 जुलाई -- मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कहा है कि सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निरीक्षण में प्रायः वहॉं पर चिकित्सकों का रोस्टर बना हुआ नहीं पाया जाता है, जो आपत्तिजनक है। इस सम्बन्ध में उन्होंने मण्डल के तीनों जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल सभी स्वास्थ्य केन्दों पर इमरजेन्सी के चिकित्सकों का रोस्टर बनाकर प्रदर्शित करना तथा रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने बुधवार को अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित शासन के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों तथा कर करेत्तर वसूली आदि की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एक ही स्वास्थ्य केन्द्र पर विगत 5 वर्ष से अधिक समय से तैनात चिकित्सकों को अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थानान्तरित किये जाने हेतु पूर्व में दिये गये निर्देश के क्रम में जितने स्थानान्तरण हो चुके हैं तथा जो अवशेष हैं, अपर निदेशक, स्वास्थ्य उसकी तत्काल जॉंच कर लें तथा वस्तुस्थिति से अवगत करायें। मण्डलायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि सभी चिकित्सकों को उनके तैनाती स्थल पर ही आवासित रहना भी अनिवार्य किया जाय। इसी क्रम में उन्होने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर को उपयोगी बनाया जाय, जो दवायें वहॉं उपलब्ध होनी चाहिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए आमजन को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर की सेवाओं का शपत प्रतिशत लाभ दिलाया जाय। मऊ में डायलिसिस कम पाये जाने पर मण्डलायुक्त श्री पन्त ने असन्तोष व्यक्त किया तथा सीएमओ मऊ को निर्देश दिया कि उसका सघन प्रचार प्रसार कर पात्र मरीजों को लाभान्वित किया जाये। मण्डलायुक्त ने सीजेरियन प्रसव की समीक्षा में पाया कि गत माह में आज़मगढ़ के सीएचसी बिलरियागंज में मात्र 1 एवं फूलपुर में 3, मऊ जिला अस्पताल में मात्र 23 व अन्य सीएचसी पर भी अत्यन्त कम तथा बलिया जिला अस्पताल में 33 सीजेरियन प्रसव हुए जबकि सीएचसी रसड़ा, सिकन्दरपुर एवं सीयर में प्रगति नगण्य है। उन्होंने इस स्थिति पर तीनों जनपद के सीएमओ पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सचेत किया कि इस ओर विशेष ध्यान देकर सुधार किया जाय, भविष्य में ऐसी स्थिति का पुनः पाया जाना किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगा। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित लाभार्थियों की संख्या कम पाये जाने पर भी असन्तोष व्यक्त किया तथा इस ओर तत्काल ध्यान दिये जाने का निर्देश दिया।
मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने नहरों में पानी की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि बारिश नहीं हो रही है तथा सप्लाई भी पर्याप्त नहीं है, ऐसी दशा में नहरों को इस ढंग से चलाया जाय कि सबको पानी मिल सके तथा किसी दशा में विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। उन्होने अधीक्षण अभियन्ता, ड्रेनेज मण्डल को निर्देशित किया कि नहर के पानी को लेकर जहॉं विवाद की स्थिति उत्पन्न होना संभावित है, उन जगहों पर तत्काल पुलिस व्यवस्था करायें। उन्होने कहा कि मनरेगा योजना के तहत प्रायः मशीनों से कार्य कराये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने तीनों जनपद के सीडीओ को तत्काल इस ओर विशेष ध्यान देकर मशीनों से कार्य कराये जाने पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने कहा कि बलिया में कई सेतु बन रहे हैं, जिसका सीडीओ द्वारा सघन निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने सीडीओ बलिया को निरीक्षण कर आख्या उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने गोवंश आश्रय स्थलों की समीक्षा करते हुए कहा कि गोवंश संरक्षण केन्द्रों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय तथा संरक्षित गोवंश का शत प्रतिशत टीकाकरण भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि संरक्षित गोवंश को चारे की कमी नहीं होनी चाहिए, यदि कहीं भूसा आदि कम है तो पर्याप्त मात्र में उसकी उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित कर ली जाय। मण्डलायुक्त ने कहा कि भूसा के साथ ही हरे चारे की भी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होने निर्देश दिया कि पशुचर एवं अन्य सरकारी जमीन जो खाली है वहॉं से हरे चारे की उपलब्धता लेखपालों के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाय। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों से कहा कि अधिकारियों द्वारा जिन विद्यालयों को गोद लिया गया है उसमें शासन की मंशा के अनुरूप कार्य होना चाहिए तथा सुविधायें भी उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने तीनों जिलाधिकारियों से कहा कि जनपदों में अविवादित वरासत, धारा 24 के वाद तथा म्युटेशन के वाद को समयान्तर्गत निस्तारित कराये जाने हेतु अपने स्तर से कार्यवाही करें।
जिलाधिकारी आज़मगढ़ विशाल भारद्वाज ने कहा कि जो पंचायत भवन पूर्ण हो चुके हैं उसे तत्काल सक्रिय कराया जाय तथा पंचायत सेकेट्री और लेखपाल का रोस्टर बनवाकर तद्नुसार उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाय। उन्होने निर्देश दिया कि प्रत्येक सक्रिय पंचायत भवन पर एक शिकायत रजिस्टर भी अनिवार्य रूप से बनाकर वहॉं रखा जाय, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी स्थानीय समिति को दी जाय।
इस अवसर पर जिलाधिकारी बलिया सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी मऊ अरुण कुमार, मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़ आनन्द कुमार शुक्ला, बलिया प्रवीण वर्मा, मऊ रामसिंह वर्मा, अपर जिलाधिकारी आज़मगढ़ एबी सिंह, बलिया राजेश कुमार सिंह, मऊ भानु प्रताप सिंह, वन संरक्षक डा. बीसी ब्रम्हा, अपर निदेशक, स्वास्थ्य डा. एमके शाह, मण्डलीय अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव सहित अन्य विभागों के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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