.

.
.

आजमगढ़: भूमिगत जल से ही पूरी होती है भूलभूत आवश्यकताएं


पृथ्वी पर मात्र तीन फीसद ही साफ पानी है - इं० कुलभूषण 

जल संरक्षण/वर्षा जल संचयन पर गोष्ठी आयोजित हुई

आजमगढ़: भूजल सप्ताह के तहत मंगलवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) जाफरपुर में प्राचार्य अमरनाथ राय की अध्यक्षता में जल संरक्षण व वर्षा जल संचयन के संबंध में गोष्ठी हुई।
जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक इंजीनियर कुलभूषण सिंह ने बताया कि पृथ्वी पर 97 फीसद खारा और मात्र तीन फीसद ही साफ पानी है, जिसका 30 फीसद भूमिगत जल है। भूमिगत जल से ही हमारी भूलभूत आवश्यकताएं पूरी होती हैं। बताया कि टपकती बूंद से 24 घंटे में पांच से छह लीटर पानी बर्बाद होता है। इसे बचाने और इसके लिए समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। दक्षिण भारत में हैदराबाद सहित लगभग 30 शहर ऐसे हैं, जहां से उद्योगों का पलायन हो रहा है। हम आजमगढ़ के लोग जल स्तर को संतुलित करके यहां उद्योग जगत को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए जल का संरक्षण करिए।
भूगर्भ जल विभाग के हाइड्रोलॉजिस्ट आनन्द प्रकाश द्वारा बताया गया कि आजमगढ़ जनपद गंगा का मैदानी क्षेत्र हैं, लोगों को लगता है कि यहां बहुत जल है, लेकिन ऐसा नही है, विभागीय रिपोर्ट 2020 के अनुसार जनपद के सात ब्लाक सेमी क्रिटिकल श्रेणी में है। ऐसे क्षेत्रों में रिचार्जिंग विधा अपनाकर जल स्तर बनाये रखने की जरूरत है। उन्होने बताया कि भूजल एक्ट 2019 के अनुसार रजिस्ट्रेशन, अनापत्ति एवं दण्ड का प्राविधान है। उन्होने बताया कि अनापत्ति/प्राधिकार एवं पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए विभागीय पोर्टल www.upgwdonline.in पर आवेदन कर सकते हैं। श्री आनन्द प्रकाश ने बताया कि औद्योगिक, अवसंरचनात्मक, वाणिज्यिक एवं बल्क यूजर्स को अनापत्ति/प्राधिकार एवं पंजीकरण कराना अनिवार्य है, अन्यथा उनके विरूद्ध भूगर्भ जल एक्ट 2019 के तहत दण्ड का प्राविधान है।
जेई राशिद अली ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बताया कि लोग पानी निकाल रहे हैं, लेकिन उस अनुपात में रिचार्जिंग नही हो रही है, जो भविष्य के लिए अच्छा संदेश नही है।
राम अवध यादव द्वारा बताया गया कि वर्षा का जल संरक्षित कर हम अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर सकते हैं, क्योंकि जल ही जीवन है। चाणक्य के समय भी वर्षा जल संचयन करने वालों को पुरस्कार एवं दुरूपयोग करने वालों को दण्डित किये जाने का प्राविधान था।
अन्त में प्राचार्य डायट अमरनाथ राय द्वारा कार्यक्रम का समापन करते हुए बताया गया कि जल संरक्षण पर निरंतर सोचने एवं जागरूक रहने की जरूरत है। हमें संकल्प नही करना चाहिए, कार्य शुरू कर देना चाहिए।
इस अवसर पर पौधारोपण अभियान के अन्तर्गत कार्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
कार्यक्रम में भूगर्भ जल के कामेश्वर प्रसाद, शिवानन्द, नूरे आलम, पंकज कुमार, डायट कार्यालय के प्रवक्ता, संबंधित अधिकारी/कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment