1984 तक हुए नौ चुनावों में कांग्रेस के छह उम्मीदवार सांसद बने थे...देखें पूरी सूची..
आजमगढ़ : 69-संसदीय क्षेत्र के लिए 18 लाख 38 हजार 930 लोगों ने अपना 20वां सांसद चुनने के लिए अपना अमूल्य वोट दिया। यहां से सांसद रहे सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के कारण यह सीट खाली हुई थी, जो 19 वें सांसद थे। इतिहास को जानें तो यहां के पहली बार 1952 में सीताराम अस्थाना कांग्रेस से चुनाव लड़े और जीतकर दिल्ली जा पहुंचे। उसके बाद सन 1984 तक आजमगढ़ में कांग्रेस की पकड़ मजबूत रही। हालांकि, 1984 तक हुए नौ चुनावों में कांग्रेस के छह उम्मीदवार सांसद बन पाए थे। उसके बाद जनता दल, बसपा और सपा का उदय हुआ तो आजमगढ़ की पहचान सपा-बसपा के गढ़ के रूप में हुई, जिस तमगे को बाद में विभिन्न चुनावों में सफलता-दर-सफलता दर्ज कर सपा ने झटक लिया। हालांकि, संसदीय चुनाव में सर्वाधिक छह बार अपने सांसद जिताने वाली कांग्रेस के बाद चार जीत बसपा, तीन सपा और एक भाजपा के नाम दर्ज थी। अबकी सपा के धर्मेंद्र यादव, भाजपा के दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और बसपा से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली में 20वां सांसद कौन बनेगा इसका फैसला जनता ने ईवीएम में दे दिया था, लेकिन अब भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ विजेता बन कर सामने आ गए हैं। आंकड़ों के आईने में देखिए, किस दल के प्रत्याशी ने कब पाई सफलता :
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