डीएम ने दिया था निर्देश,चर्चा का विषय बना एक जमाने से हुए कब्जे का हटना
ब्लड बैंक के बगल स्थित दुकान व कर्मचारी आवास के सामने से हटाया अतिक्रमण
आजमगढ़ : शायद पहली बार मंडलीय जिला अस्पताल में अतिक्रमण ढहाने के लिए बुधवार की शाम बुलडोजर पहुंचा तो लोगों के मुख से निकल पड़ा कि अब किसी की मनमानी नहीं चलने वाली है। वर्षों पहले से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ आज तक किसी ने आवाज नहीं उठाई थी। यहां तक कि अस्पताल प्रशासन ने भी चुप्पी साध ली थी। तीन दिन पहले मार्निंग वाक पर पहुंचे डीएम ने जब सवाल किया तब भी कोई नहीं बता सका कि अतिक्रमण करने वाले लोग कौन हैं। फिलहाल उसी दिन जिलाधिकारी ने आदेश दे दिया था कि तीन दिन के अंदर जितने भी अतिक्रमण अस्पताल परिसर में हैं वह सब साफ हो जाना चाहिए। उनके आदेश का असर यह हुआ कि पहली बार अस्पताल परिसर में बुलडोजर के साथ एसडीएम पहुंचे और ब्लड बैंक के बगल में बनी दुकान को ढहवा दिया। उसके बाद पोस्टमार्टम हाउस की ओर गए, जहां अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने आवास के सामने अतिक्रमण कर पशु पाल रखा था। उसे भी भी ढहाने में प्रशासन ने कोई संकोच नहीं किया। इस दौरान प्रशासन की कार्रवाई चर्चा का विषय बनी रही। लोग दबी जुबान से कहते सुने गए कि समय हमेशा बराबर नहीं रहता। वरना आज तक क्यों नहीं ढहाया गया। एसडीएम सदर जे आर चौधरी ने बताया कि तीन दिन पूर्व रविवार को सुबह मार्निंग वाक पर जिला अधिकारी अमृत त्रिपाठी जिला अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचे तो अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक और पोस्टमार्टम हाउस के पास अतिक्रमण पर एसआइसी डा.अनूप कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों से पूछा तो पता चला कि अस्पताल परिसर में कई जगह लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। पूर्व में भी प्रशासन के संज्ञान में था, लेकिन कारवाई नहीं हुई। उसी दौरान जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को अस्पताल परिसर में किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए निर्देश दिया था। कार्रवाई के दौरान राजस्व निरीक्षक अशोक यादव, क्षेत्रीय लेखपाल हरेंद्र पासवान, लेखपाल सुरेश यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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