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आज़मगढ़: पुण्यतिथि पर प्रख्यात शिक्षाविद दीनानाथ लाल 'बाबू जी' को दी गई श्रद्धांजलि




बाबू जी से सीखा है और उन्हीं की प्रेरणा से यहां तक पंहुचे है- दुर्गा प्रसाद यादव

सपा,भाजपा नेताओं समेत समाजसेवी संस्थाओं के लोगों ने बाबू जी को किया नमन

आज़मगढ़: " हजारों साल नरगिस अपने बेनूरी पर रोती है , बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा '
शुक्रवार को ए एन मेमोरियल चिल्ड्रन स्कूल अराजीबाग आजमगढ़ में पूर्वांचल के प्रख्यात शिक्षाविद, गांधी विचारधारा के पोषक ,सादगी के प्रति मूर्ति स्वर्गीय दीनानाथ लाल श्रीवास्तव पूर्व प्राचार्य गांधी शताब्दी महाविद्यालय कोइलसा आजमगढ़ की तीसरी पुण्यतिथि विद्यालय प्रांगण में मनाई गई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में अतरौलिया के विधायक डा .संग्राम यादव , सपा जिला अध्यक्ष हवलदार यादव, भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री सहजानंद राय , सूरज प्रकाश श्रीवास्तव महामंत्री भाजपा लालगंज, अविनाश चौहान युवा समाजसेवी, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रणीत श्रीवास्तव हनी, अराजीबाग सभासद पुनीत राय, डा० भक्तवत्सल सहाय ,मातबर मौर्य ,जनार्दन शाही,मुन्नू यादव , घनश्याम पटेल आदि लोग उपस्थित रहे ।कार्यक्रम की अध्यक्षता चिल्ड्रन कॉलेज के उपप्रबंधक एस.पी शुक्ला ने की। सर्वप्रथम छात्र छात्राओं ने सरस्वती बंदना किया । तत्पश्चात अतिथियों ने सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए बाबूजी के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन का कार्य किया। विद्यालय के छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया। इसमें प्रमुख रूप से दिशा , तनु , सृष्टि , अंतिमा ,पलक ,शालिनी ,आराध्या राय आदि छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए अराजीबाग सभासद पति पुनीत राय ने कहा के बाबूजी के पद चिन्हों पर चलना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी । इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रणीत श्रीवास्तव हनी ने कहा के बाबू जी सादगी की प्रतिमूर्ति थे और उनके पद चिन्हों चल करके ही सफलता प्राप्त किया जा सकता है । सभा को संबोधित करते हुए हवलदार यादव ने बाबूजी के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला । सहजानंद राय ने उनके जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी दिया और कहा कि उनके बताए रास्ते आज भी प्रासंगिक है । सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि बाबूजी को हर क्षेत्र में बराबर सम्मान मिलता रहता था वे तमाम कार्यक्रमों के साथ-साथ खेल जगत के कार्यक्रमों की भी अध्यक्षता करते रहते थे । डा० भक्तवत्सल ने कहा कि बाबूजी को तमाम चीजों का पूर्वाभास हो जाता था। संग्राम यादव ने कहा कि बाबूजी सादगी के प्रतिमूर्ति थे । उनका जीवन लोगों के लिए अनुकरणीय है । आज भी हम अपने पुराने संस्कारों से बने रहने से ही उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि हम लोगों ने बाबू जी से कुछ न कुछ सीखा है और उन्हीं के प्रेरणा से यहां तक पहुंचे हैं तथा विद्यालय के प्रति हम सदैव समर्पित रहेंगे। मातबर मौर्या ने कहा कि हम बाबूजी के प्रथम वर्ष के छात्र रहे और उनकी समय बद्धता और अनुशासन प्रियता लोगों के लिए अनुकरणीय है। यही गुण उनके जीवन को एक विशिष्ट बनाता है । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरविंद चित्रांश ने कहा कि बाबू जी का सहयोग और मार्गदर्शन हर वक्त मिलता रहा ।अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी समागम इसका एक सीधा साधा उदाहरण है । संस्कार भारती के अध्यक्ष डी पी तिवारी ने कहा कि बाबूजी काफी समयबद्घ तरीके से काम करते थे और लोगों के प्रति प्यार ही उनको लोगों से अलग बनाता है । निरंकार प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व सदैव जिंदा रहता है व्यक्ति के मरने से उसकी मौत नहीं होती । विद्यालय के प्रबंधक सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने लोगों का आभार व्यक्त किया । विद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड संध्या रानी गौड़ ने भी लोगों के प्रति आभार ज्ञापन किया ।कार्यक्रम का संचालन आलोक कुमार श्रीवास्तव ने किया । इस अवसर पर शहर के तमाम गणमान्य व्यक्ति सुधांशु श्रीवास्तव, अवधनारायण सिंह ,तीरथ यादव ,दिल शेर यादव, राम लखन चौरसिया ,मुन्नू यादव ,स्वामीनाथ पाठक ,जनार्दन साही,रमाकांत वर्मा, सीताराम पांडे, मुकेश विश्वकर्मा ,संतोष राय, सचिन प्रजापति ,अमन श्रीवास्तव , सालिल श्रीवास्तव ,हरिप्रसाद , अशोक अग्रवाल, मनीष अग्रवाल , जगदंबा आदि लोग मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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