पवई थाना क्षेत्र के चिड़ेमार गांव में हुआ हादसा,विधायक रमाकांत भी पंहुचे
आजमगढ़ : चचेरी बहनों की पोखरी में डूबने से मौत हो गई। दोनों की चीख-पुकार सुन दौड़े स्वजन दोनों को पोखरी से निकाल अस्पताल लेकर भागे, लेकिन रास्ते में ही उनकी सांसें कमजोर पड़ गईं। भनक लगते ही परिवार में कोहराम मच गया। विधायक रमाकांत यादव भी घटना की भनक लगते पहुंच गए। परिवार के लोगों ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। पवई थाना क्षेत्र के चिड़ेमार गांव निवासी नजमा (13) पुत्री मोहम्मद ताहिर व फारेहा (13) पुत्री अब्दुल हफीज का परिवार मुंबई रहता है। दोनों एक पखवाड़ा पूर्व मुंबई से अपने गांव आई थीं। रविवार दोपहर दोनों मकान के पीछे स्थित पोखरी की ओर टहलने के इरादे से निकलीं। नजमा का किसी तरह पैर फिसला तो पोखरी में जा गिरी। उसे बचाने के लिए फारेहा ने प्रयास किया, तो दोनों डूबने लगीं। इसकी जानकारी पर पहुंचे स्वजन ने दोनों को निकालकर अस्पताल ले गए, लेकिन उससे पहले ही दोनों की मौत हो गई। नजमा की अम्मी फहमीदा और फारेही की अम्मी फारीन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। नजमा छह बहन व एक भाई में चौथे नंबर की थी, जबकि फारेहा दो बहन, दो भाइयों में तीसरे नंबर की थी। एक झटके में परिवार की दो बेटियों की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। स्वजन ने बताया कि पहले तो वे समझ ही नहीं पाए कि बेटियां अभी तो घर से निकलीं, तो फिर उनकी चीखें क्यों सुनाई पड़ने लगी। तत्काल लोग पोखरी के पास पहुंचे और बचाने का प्रयास किए, लेकिन हाथ खाली रह गया। नजमा और फारेह को 16 मार्च को मुंबई लौटना था।
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