हार के डर से आजमगढ़ से चुनाव लड़ने नहीं आए अखिलेश यादव- प्रवीण सिंह,जिलाध्यक्ष
आजमगढ़: शनिवार को जिले में कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों ने भर्ती विधान युवा घोषणा-पत्र जारी किया । इस घोषणा-पत्र के माध्यम से कांग्रेस जनता के बीच जाकर जनता को अपनी नीतियों के बारे में जागरूक करेगी। ‘‘भर्ती विधान’’ शीर्षक से जारी इस घोषणा पत्र में युवाओं से तमाम महत्वपूर्ण वादे किए गए हैं। इनमें सरकार बनने पर 20 लाख रोजगार देने से लेकर छात्रसंघ बहाली तक के वादे शामिल हैं। इस अवसर पर आजमगढ़ कांग्रेस के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष रमेश राजभर का स्वागत किया गया कांग्रेसियों ने नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष का माला पहनाकर स्वागत किया और उन्हें बधाइयां दी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने चुनाव आयोग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की आचार-संहिता आज तक नहीं देखी है। हम लोगों के ब्लाक तक के कार्यालय बंद करा दिए गए हैं। झंडा लगाने तक की इजाजत नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए जिलाध्यक्ष का कहना है कि भाजपा ने 10 जनवरी के पहले अपना खूब प्रचार-प्रसार कर लिया था। जब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में जो कैंपेन लड़की हूं लड़ सकती हूं चलाया तो उससे भाजपा को बहुत घबराहट है। कांग्रेस को लीड न मिल जाए इसकी इसको लेकर भाजपा बेचैन है। कांग्रेस को मौका मिलने का मतलब समाजवादी पार्टी का खत्म होना और जब सपा रहेगी तभी भाजपा की सरकार बनेगी। टीवी चैनलों पर सपा-भाजपा की लड़ाई दिखाई जा रही है। यह दोनों पार्टियों की मिलीभगत है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह का कहना है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ जिले से चुनाव लड़ने हार के डर के कारण नहीं आए। अपने संसदीय क्षेत्र में न तो कोरोना संक्रमण के समय लोगों का हाल जाना और न ही सीएए - एनआरसी के समय जब यहां की महिलाओं के ऊपर लाठीचार्ज हुआ तब भी सुधि लेने नहीं आए। बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई पर उनकी सुधि लेने नहीं आए। अखिलेश यादव का जनता से कोई संवाद ही नहीं है। कार्यकर्ताओं से संवाद था और यही कारण है कि यहां की जनता ने उनका स्वागत नहीं किया और अखिलेश यादव को हार के डर से अपना निर्णय बदलना पड़ा। आजमगढ़ जिले में मैराथन लड़की हूं लड़ सकती हूं रद्द करने के सवाल पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि बरेली की घटना से मचे हो हल्ले के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। जिलाध्यक्ष का कहना है कि बढ़ रहे कोविड व भाजपा ने जिस तरह से हो-हल्ला मचाया। इसको लेकर प्रियंका गांधी से बात हुई तो उन्होंने निर्देश दिया कि लड़कियों के स्वास्थ्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता। इस कारण सारी तैयारियों के बाद भी जिले में मैराथन को स्थगित करना पड़ा।
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