पिछले 13 सालों से इफ्तेखार भाई का धर्म निभा रहे हैं
आज़मगढ़: सगड़ी तहसील के नत्थूपुर गांव के कारगिल शहीद रमेश यादव की बहनों को अपनी परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी इफ्तेखार आजमी खिचड़ी लेकर नत्थुपुर पहुंचे। भाई इफ्तेखार को देख शहीद की बहनों की आंखे नम हो गई। पिछले 13 सालों से इफ्तेखार भाई का धर्म निभा रहे हैं। बताते चलें कि 1999 में कारगिल युद्ध में रमेश यादव शहीद हो गए। इकलौते पुत्र को खोने के गम में पिता सीताराम यादव के सारे सपने बिखर गए। गत वर्ष उनकी भी मौत हो गई। रमेश की तीनों बड़ी बहनों मनकला, चंद्रकला व शशिकला के सर से भाई का साया उठ गया। इसकी जानकारी सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए तथा नवोदय विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अजमतगढ़ निवासी इफ्तेखार आजमी को मिली तो वह आगे आए। उन्होंने ठान लिया कि शहीद की बहन का सगा भाई रमेश तो नहीं बन सकता पर भाई की जिम्मेदारी हर स्तर पर निभाने की कोशिश करूंगा। रमेश की बहनों को अपनी बहन मान वह प्रतिवर्ष खिचड़ी लेकर जाते हैं। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार वह कपड़ा के साथ ही लाई, चूड़ा आदि पहुंचाते हैं। शहीद की बहनों ने भी इन्हें कभी अपने भाई से इतर नहीं समझा। मजहब के बंधन तोड़ इफ्तेखार की इस परंपरा को लोग सराहते हैं।
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