गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब में शहीद साहबजादों को नमन करने वालों का लगा रहा तांता
आजमगढ़ : जिले के निजामाबाद स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब में सोमवार को गुरु गोविद सिंह जी के चारों साहबजादों को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। ग्रंथी बाबा जगजीत सिंह ने बताया कि धर्म की रक्षा के लिए गुरु के पुत्रों ने शहादत दी थी। फतेहगढ़ किले में सात वर्ष के फतेह सिंह, नौ वर्ष के जोरावर सिंह को दीवारों में चुनवा दिया गया था, जबकि 13 वर्ष के बाबा जुझार सिंह, 17 वर्ष के बाबा अजीत सिंह को चमकौर की लड़ाई में धर्म की रक्षा करते हुए शहीद कर दिया गया था। शहादत की सूचना पर दसवें गुरु गुरु गोविद सिंह ने मौजूद संगत से कहा कि 'इन पुत्रन के सिर पर वार दिए सुत चार, चार मुए तो क्या हुआ जीवत कई हजार'। यानी गुरु महराज ने धर्म की रक्षा में बच्चों की शहादत पर अफसोस नहीं किया। गुरुद्वारा में सुखमणि साहिब, चौपई साहिब तथा आनंद साहिब के पाठ के बाद अरदास हुकुमनामा, सिमरन हुआ। सिमरन के बाद लोगों में कड़ाह प्रसाद बरता गया। इस अवसर पर उपस्थित संगतों को ग्रंथी बाबा जगजीत सिंह ने गुरु महाराज के चारों साहबजादों के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे कम उम्र में ही इन लोगों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने को इतना चर्चित कर लिया कि एक दिन शहीद होना पड़ा। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में चरणदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, राजविदर सिंह, अजय सिंह, दीप कौर, डिपल आफताब, त्रिवेणी आदि उपस्थित थे।
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