चार साल पहले तहबरपुर क्षेत्र के नेवादा में हुई थी घटना
फल खरीदने के बाद पैसा मांगने के विवाद में हुई थी हत्या
आजमगढ़: अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट के जज शिवचंद ने बुधवार को दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी विजयी सोनकर निवासी खुटौली थाना तहबरपुर के लड़के प्रमोद उर्फ बंटी की नेवादा बाजार में फल की दुकान थी। इसी दुकान पर 26 अगस्त 2017 की शाम लगभग साढ़े चार बजे आरोपी जयविंद यादव, संजय यादव पुत्रगण गोरख यादव निवासी गड़हन बुजुर्ग थाना कप्तानगंज ने प्रमोद उर्फ बंटी से फल खरीदा। जब प्रमोद उर्फ बंटी ने फल का दाम मांगा, तब जय हिंद और संजय यादव ने प्रमोद के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। जब प्रमोद ने मना किया तब वहां मौजूद गोरख यादव ने अपने पुत्रों जय विंद यादव तथा संजय यादव को ललकारा। गोरख के ललकारने पर जयविंद ने प्रमोद को कट्टे से गोली मार दी,जिससे प्रमोद की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी मानिकचंद यादव तथा सहायक शासकीय अधिवक्ता इंद्रेश मणि त्रिपाठी व आलोक त्रिपाठी ने वादी विजयी सोनकर, रमाशंकर, देवराज प्रसाद, उपनिरीक्षक संजय तिवारी, दीनानाथ, डा. राजकुमार, क्षेत्राधिकारी श्यामनरायण, थानाध्यक्ष विकास चंद्र पांडेय, कांस्टेबल कुंजबिहारी तथा सूर्यबली पटेल को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी गोरख यादव, जय विंद यादव तथा संजय यादव को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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