प्रमुख सचिव महिला कल्याण ने डीएम की संस्तुति पर जारी किया आदेश
प्रोबेशन विभाग में नियम विरुद्ध नियुक्ति व पात्रोें को लाभ न देने का प्रकरण
आजमगढ़: प्रमुख सचिव महिला कल्याण अनीता सी. मेश्राम ने पद का दुरुपयोग कर शासनादेश को दरकिनार कर फर्जी नियुक्ति करने और निर्देशों का समय से अनुपालन न करने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर मंडल के उप मुख्य परीविक्षा अधिकारी ओंकार नाथ यादव और विभागीय योजनाओं का लाभ पात्रों को समय से न देने पर प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी बच्चा लाल यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों अधिकारियाें को निदेशालय महिला कल्याण से संबद्ध कर दिया गया है। इस प्रकरण में शिकायत पर डीएम राजेश कुमार के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने जांच कर आख्या प्रस्तुत की थी। डीएम ने निलंबन की कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट प्रेषित की थी। डीएम को प्रेषित जांच आख्या में सीडीओ ने उल्लेख किया है कि प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी ने उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मंडल से मिलीभगत कर अपने भतीजे की नियुक्ति कंप्यूटर आपरेटर के पद पर करा दी है। जबकि उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी ने भी अपने गांव के एक युवक की नियुक्ति करा दी है। प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी के विरुद्ध् ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष’ योजना के तहत वितरण में भी अनियमितता पाई गई। जांच में पाया गया कि उन्हीं लाभार्थियों के खातों में पहले योजना की धनराशि भेजी जाती थी, जिनसे उनका अपना व्यक्तिगत लाभ दिखता था। सीडीओ की जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने दोनों अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
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