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आज़मगढ़: जैविक कचरे को उच्च स्तर की खाद में बदल सुधारें मिट्टी की सेहत



कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा में किसानों का 06 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

सूक्ष्मजीवों की सहायता से त्वरित कंपोस्टिग तकनीक अपनाएं किसान

आजमगढ़: भारत का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा में सोमवार को डीबीटी बायोटेक किसान परियोजना के अंतर्गत सूक्ष्म जीवों की सहायता से त्वरित कंपोस्टिग तकनीकी एवं उद्यमिता विकास पर छह दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसमें 20 किसानों को कंपोस्ट बनाने की प्रायोगिक जानकारी दी गई। उद्घाटन भाजपा नेता राजेश सिंह और वरिष्ठ वैज्ञानिक राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव ब्यूरो कुशमौर मऊ डा. वी. मागेश्वरन ने किया। डा. वी. मागेश्वरन ने सूक्ष्मजीवों की सहायता से त्वरित कंपोस्टिग तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया। कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी अधिकारी डा. आरके सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन और समंवित कृषि प्रणाली के बारे में चर्चा की। वरिष्ठ विज्ञानी (फसल सुरक्षा) और सह अन्वेषक बायोटेक किसान परियोजना डा. रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि डीबीटी बायोटेक किसान हब परियोजना अंतर्गत सूक्ष्मजीव आधारित अनुकल्पों की सहायता से हम सभी जैविक कचरों को गुणवत्तायुक्त खाद में बदल कर मिट्टी की सेहत में सुधार कर सकते हैं। वरिष्ठ विज्ञानी (मृदा विज्ञान) डा. रणधीर नायक ने स्वच्छता अभियान के अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट, नाडेप कंपोस्ट व वेस्ट डीकंपोजर के उपयोग पर प्रकाश डाला। सहायक प्राध्यापक कृषि महाविद्यालय कैंपस कोटवा डा. टी. पांडियाराज ने जैविक खेती में सूक्ष्मजीवों के महत्व पर चर्चा की। प्रगतिशील किसान अशोक कुमार, राम अवतार, राज नरायण सिंह, सरोज यादव, साहब राज पांडेय, अमित त्रिपाठी, विपिन बिहारी, यशपाल सिंह आदि थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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