एक वर्ष में कई फसलों को पैदा करने की जानकारी व प्रशिक्षण दें कृषि विज्ञानी
ग्राम प्रधान छोटे-मोटे झगड़ों को शांति समिति के माध्यम से निपटाएं- आनंदीबेन पटेल
आजमगढ़: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषि विज्ञानी आर्गेनिक उत्पाद को बढ़ाने के लिए प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करें। राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति कई सालों बाद आई है। वर्ष 2030 तक 50 फीसद बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाना है, लेकिन अभी भी 22 फीसद ही बच्चों को स्कूलों में प्रवेश मिला है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक विद्यालयों और स्कूलों में छात्रों को प्रवेश दिलाया जाए। राज्यपाल ने यह बातें दो दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत अंतिम दिन मंगलवार को कृषि विश्वविद्यालय कोटवा और राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर में किसानों, कृषि विज्ञानियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा और ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहीं। राज्यपाल ने कहा कि कृषि विज्ञानी किसानों को एक वर्ष में कई फसलों को पैदा करने की जानकारियां एवं प्रशिक्षण दें। किसानों को मल्टीलेवल कृषि के लिए बढ़ावा दें। जलसंरक्षण पर बल देते हुए किसानों को ड्रिप सिंचाई का प्रयोग कर पानी बचाने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों के लिए जो पैसा मिलता है, उसका आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सही उपयोग बताएं। मीनू बनाकर उनको खाने के लिए बताएं, तो कुपोषित बच्चे सुपोषित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर 53 सेकेंड में 80 लाख बच्चे मर जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को जागरूक करें कि समय से अस्पताल जाकर जांच कराती रहें। राज्यपाल ने ग्राम प्रधानों से कहा कि अपने-अपने ग्रामों में शांति समिति स्थापित कराएं। उसके माध्यम से गांव में होने वाले छोटे-मोटे झगड़ों को निपटाएं। अपने-अपने गांवों को टीबी मुक्त, कुपोषण मुक्त कराएं और गांवों में बाल विवाह, दहेज प्रथा को समाप्त कराएं। अधिकारी वर्ग इसके लिए जनांदोलन चलाएं। दहेज प्रथा व बाल विवाह से संबंधित सूचना प्राप्त होते ही कानून का अनुपालन कराएं।
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