धन मिला तो जिले की उपलब्धियों में एक कड़ी और जुड़ेगी
85.35 लाख खर्च हुए फिर भी 24 वर्ष से भवन अधूरा पड़ा है
आजमगढ़ : शहर के आराजीबाग में लगभग 24 वर्ष से अधूरे पड़े डा. आंबेडकर पुस्तकालय के दिन शायद बहुर जाएं। जिलाधिकारी की संस्तुति पर समाज कल्याण विभाग ने एक करोड़, सात लाख रुपये का नया आगणन शासन को भेजा है। यदि शासन ने धन आवंटित कर दिया तो जनपद की उपलब्धि की कड़ी में एक और परियोजना की वृद्धि होगी। डा. आंबेडकर पुस्तकालय का निर्माण 85.35 लाख रुपये से तो हुआ लेकिन अधूरा ही रह गया। पुस्तकालय भवन के निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। लोक निर्माण विभाग की टीम ने एक साल पहले ही जांच आख्या प्रस्तुत कर दिया है कि यदि समय रहते कार्य पूरा नहीं कराया गया तो सरकारी क्षति से इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि देखरेख के अभाव में भवन की उम्र लगभग पूरी हो गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धनाभाव में 19 वर्ष (2002) से निर्माण बंद है। भवन के बाहर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई हैं। भवन के अंदर व बाहर अत्यधिक गंदगी है। भवन के बाहर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई हैं, जो भवन को क्षतिग्रस्त कर रही हैं। भवन का प्लास्टर स्तर तक कार्य पूर्ण है लेकिन कई स्थानों पर फर्श व दीवार के प्लास्टर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। सेनेट्री, वाटर सप्लाई और विद्युतीकरण का कार्य अधूरा है। भवन की छत कई स्थानों पर टूटी पाई गई। 2018 में भी 33.01 लाख का बना था आगणन। पुनरीक्षित धनराशि की स्वीकृति प्राप्त न होने पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने 18 अगस्त 2018 को बैठक में डा. आंबेडकर पुस्तकालय भवन को चालू करने के लिए संबंधित विभाग को न्यूनतम आगणन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। 28 अगस्त 2018 को 33.01 लाख रुपये का आगणन समाज कल्याण विभाग को प्रेषित किया गया लेकिन स्वीकृति अभी तक प्राप्त नहीं हुई। संयुक्त निदेशक, जिला समाज कल्याण विभाग सुरेश पाल ने बताया कि डा. आंबेडकर पुस्तकालय भवन के संबंध में प्रशासन की बैठक में कई बार चर्चा हुई है। डीएम की संस्तुति पर जिला समाज कल्याण विभाग की तरफ से एक बार पुन: नया आगणन निदेशालय को भेजा गया है। धनराशि आवंटित होते ही अधूरा कार्य शुरू कराया जाएगा।
Blogger Comment
Facebook Comment