विकास खंड पवई की ग्राम पंचायत खैरुद्दीनपुर का मामला
आजमगढ़: विकास पवई की ग्राम पंचायत खैरुद्दीनपुर के वित्तीय वर्ष 2020-21 में आवंटित प्रधानमंत्री आवास(ग्रामीण) की जांच कराई गई। जिसमें मिलीभगत से ग्राम पंचायत अधिकारी विरेंद्र कुमार ने आठ अपात्रों को आवास आवंटित कर दिया। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर 9.60 लाख रुपये शासकीय धनराशि के दुरुपयोग किए जाने के आरोप मेें ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। ब्लाक फूलपुर से संबद्ध करते हुए सहायक विकास पंचायत कोयलसा को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दूबे ने बताया कि बीडीओ पवई ने अवगत कराया कि सहायक विकास अधिकारी पंचायत पारसनाथ यादव से ग्राम खैरुद्दीनपुर में प्रधानमंत्री आवास की जांच कराई गई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में विरेंद्र कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी कार्यरत थे। आख्या के अनुसार ग्राम पंचायत अधिकारी ने शोभावती पत्नी विजयी, गीता पत्नी सोहनलाल, रेखा देवी पत्नी अखिलेश कुमार, गायत्री पत्नी तिलकधारी, त्रिभुवन पुत्र खेलावन, सावित्री पत्नी मनरम, सज्जो पत्नी यासीन और आशा देवी पत्नी रत्तीलाल, जो अपात्र थे, उनका चयन कर अपनी लागिन से रजिस्ट्रेशन कर दिया। तीनों स्तर की जीओ टैगिंग कर लाभार्थियों से मिलीभगत करते हुए प्रधानमंत्री आवास का आवंटन कर दिया। सरकारी धन के दुरुपयोग में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एडीओ पंचायत कोयलसा को जांच अधिकारी नामित किया गया है। निर्देशित किया गया है कि प्रकरण की पूर्ण छानबीन करके तीन सप्ताह के अंदर आरोप पत्र तैयार कर अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करें।
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