जलस्तर में कमी होने पर कटान का खतरा बढ़ा , आधा दर्जन संपर्क मार्गों पर है बाढ़ का पानी
आजमगढ़: पहाड़ों पर हुई बारिश का प्रभाव अभी भी दिख रहा है। जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार तो सोमवार को कम हो गई, लेकिन सरयू नदी सोमवार को भी खतरा निशान पार कर बह रही थी। जलस्तर कम होने के साथ कटान का खतरा बढ़ गया है। अभी भी आधा दर्जन संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी फैला हुआ है। रविवार को नदी खतरा निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। नदी का जलस्तर गुरुवार व शुक्रवार को तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। शनिवार से जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की गति से बढ़ रहा है। बाढ़ खंड अधिकारियों का मानना है कि अगले 24 घंटों के अंदर नदी के जलस्तर में तेजी से गिरावट शुरू हो जाएगी। सरयू नदी में बनबसा और कर्तनिया बैराज से छोड़े गए पानी का प्रभाव गुरुवार से दिखाई देने लगा था। दो दिन में नदी में उफान के चलते देवारा क्षेत्र के सोनौरा, चक्की हाजीपुर, भदौरा, शिवपुर के संपर्क मार्गों पर पानी फैल गया है। बाढ़ के पानी से बगहवा, भदौरा, साधु का पूरा, बाड़ू का पूरा, देवारा खास राजा, अचल नगर, इस्माइलपुर, रोशनगंज सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। सैकड़ों एकड़ भूमि पर लहलहाती धान की फसल कट्रकर नदी की धारा में विलीन हो चुकी है। साथ ही बगहवा के 10 लोगों के मकान भी तेज धारा में कटकर समा गए। रविवार को बदरहुआ नाले पर नदी का जलस्तर खतरा बिदु से 55 सेंटीमीटर ऊपर 72.23 मीटर पहुंच गया। सोमवार को नदी का जलस्तर 72.21 मीटर पर रिकार्ड किया गया। हालांकि नदी की रफ्तार में काफी कमी आ गई है।
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