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आज़मगढ़: ‘गांधी, खादी और आजादी’ के मंत्र पर हुए खादी फैशन शो ने लुभाया




गांधी की खादी आर्थिक समस्या का बन सकता स्थाई समाधान: एनपी सिंह,पूर्व डीएम

खादी के डिजाइनर वस्त्र पहन कर मॉडलों ने किया रैंप पर कैटवॉक

आजमगढ़: शनिवार की शाम शहर के राहुल प्रेक्षागृह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर खादी फैशन शो का विशेष आयोजन किया गया। सादगी व ईमानदारी के प्रतिमूर्ति दोनों विभूतियों की जयंती पर साज फाउंडेशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभा और कला के बीच शिल्प और सर्जना का अदभुत प्रदर्शन था। शिल्प, शिल्पकार और उनका सम्मान। ‘गांधी, खादी और आजादी’ के मंत्र के साथ उद्घोषिका श्रेया ने कार्यक्रम को गति दी। जिसके बाद मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष व जिले के पूर्व जिलाधिकारी एनपी सिंह ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। उसके बाद साज फाउंडेशन के खादी के विशेष डिजाइनर वस्त्र जिसे पहन कर नगर के लड़के, लड़कियां और बच्चे माडलिंग के लिए मंच पर उतारे। इसमें चिकित्सक, शिक्षक और शिक्षिकाओं के साथ उनके बच्चे भी थे। यह एक अदभुत प्रयोग था और प्रयोगकर्ता बड़ी तल्लीनता और पेशेवर अंदाज में अपने इस ‘फैशन-शो’ से लोगो के भीतर डिजाइनर कपड़ों के प्रति ललक और आकर्षण पैदा कर रहे थे। फैशन का ब्रांड बन आधुनिकता व पुरातन के चोले में रैंप पर कैटवाक करते माडलों के चमकते-दमकते चेहरे और लिबास आकर्षण के केंद्र थे। मनन पांडेय ने वंदमातरम गीत पर शानदार नृत्य किया।आधुनिक डिजाइन के खादी के वस्त्र हर उम्र के महिला, पुरुष व बच्चों के लिए थे। जिसे देख कपड़ों के शौकीन आकर्षित हुए बिना नहीं रह सके। माडलिंग में तृषा, शिवम्, शताब्दी पांडेय, भव्या शर्मा, शिखा वसु वैरागी, डा.मनीष पांडेय, किशन, पूजा पांडेय, पूजा अग्रवाल,नीलू आजमी, शालू अग्रवाल, जाह्नवी श्रीवास्तव, मुस्कान, विवेक यादव, मन्नू-माधव, सौरभ, तान्या राय के साथ अरुण, कंचन मौर्य शामिल थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि गांधी की खादी केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आंदोलन का हथियार भर नहीं थी बल्कि हमारे समाज की आर्थिक रीढ़ के साथ सांस्कृतिक चेतना की जमीन भी थी। खादी फैशन की राह पर भले पिछड़ गया लेकिन उसे साज फाउंडेशन जैसे हुनर और शिल्पियों के हाथों निखार कर आधुनिक दौर का फैशन बनाया जा सकता है। यह हमारे आर्थिक हितों को पूरा कर सकता है। गांधी की खादी हमारे दौर की आर्थिक समस्या का एक स्थाई समाधान बन सकता है। संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र कुमार सिंह ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। जिसमें नृत्यकर्मी मनन पांडेय, रंगकर्मी अभिषेक पंडित, शैलेंद्र सिंह सिद्धार्थ, युवा फिल्म अभिनेता सुजीत अस्थाना, साहित्यकार सोनी पांडेय, सफाईकर्मी गुलाब चौरसिया, भारत रक्षा दल एवं आली संस्थान प्रमुख रूप से शामिल थे। साज फाउंडेशन की सचिव व कार्यक्रम की आयोजक डा. संतोष सिंह ने आभार व्यक्त किया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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