सरकार ने अनियमितता की शिकायत को देखते हुए समाप्त किया टेंडर व्यवस्था
ड्रेस व बैग आदि के लिए प्रति छात्र अभिभावकों को मिलेगा 11 सौ रुपया
आजमगढ़: परिषदीय विद्यालयोें में ड्रेस, बैग, जूता मोजा वितरण में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस बार स्कूलों में इन चीजों का वितरण नहीं होगा बल्कि अभिभावक अपने बच्चों के लिए अपने मन पसंद का बैग, ड्रेस व जूता मोजा खरीद पाएंगे। कारण कि सरकार ने टेंडर व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब ड्रेस आदि के लिए सीधे अभिभावकों के खाते में प्रति छात्र 1100 रुपये भेजा जाएगा। इसकी तैयारी बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। बता दें कि कोविड-19 संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद थे। पूर्व में परिषदीय विद्यालयों में ड्रेस, बैग आदि सामान के वितरण के लिए टेंडर होता था। ठेका हासिल करने वाले बच्चों को मानक के अनुरूप सामान नहीं देते थे। जिसे लेकर अक्सर विवाद होता था। इस अलग बात है कि इसमें स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कभी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी। अब कोविड संक्रण कम होने के बाद परिषदीय जूनियर हाई स्कूल 24 अगस्त व प्राथमिक विद्यालय 1 सितंबर से खोल दिये गए है। अभी तक बच्चों को ड्रेस आदि मुहैया नहीं कराया गया है। जिले में 2702 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 528 कम्पोजिट विद्यालय,1720 प्राथमिक विद्यालय तथा 454 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 04 लाख 25 हजार बच्चे अध्ययनरत है। ड्रेस आदि का वितरण न होने के कारण बच्चों को या तो बिना ड्रेस अथवा पुराना ड्रेस पहनकर विद्यालय जाना पड़ रहा है। अभिभावक सरकार से ड्रेस आदि मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ड्रेस जूता मोजा, बैग आदि के वितरण में होने वाली अनियमितता की शिकायत को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस बार टेंडर कराने के बजाय सरकार ने सीधे अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने का फैसला किया है ताकि वे अपनी पसंद से बच्चों के लिए सामान खरीद सकें। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि जूता मोजा,यूनिफार्म व बैग वितरण में आपूर्तिकर्ताओं के घपला करने की शिकायत पर शासन ने अभिभावकों के खाते में प्रति छात्र 11 सौ रुपए डालने का फैसला किया है। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं के नामांकन रजिस्टर का छायाप्रति व छात्र अभिभावकों के डिटेल प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कराया जा रहा है। लगभग 99 फीसदी काम हो चुका है। जल्द ही सभी बच्चों का डिटेल पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा। इसके बाद अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज दी जाएगी।
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