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जानिए कौन हैं भीम राजभर! जिन्हें मुख्तार से मुकाबले के लिए उतार रहीं मायावती




नवंबर 2020 में मायावती ने भीम को सौंपी थी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी

बूथ अध्यक्ष से लेकर चीफ कोआर्डिनेटर तथा राज्यों के प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं

आजमगढ़: बाहुबली मुख्तार अंसारी जिन्हें मायावती ने जब भी टिकट दिया सीट बसपा की झोली में डाल दी। वर्ष 2017 में मायावती ने मुख्तार की पार्टी का विलय भी बसपा में कराया था लेकिन वर्ष 2022 चुनाव ने पहले बसपा मुखिया ने बाहुबली को बड़ा झटका देते हुए न केवल उसका टिकट काटा दिया बल्कि मुख्तार के मुकाबले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतार दिया है। भीम राजभर कौन है और बसपा सुप्रीमो मायावती का अचानक भीम राजभर पर इतना विश्वास बढ़ गया कि उनको पहले प्रदेश अध्यक्ष और अब प्रत्याशी बना दिया। आइए जानते है कौन है भीम राजभर। मऊ जनपद के कोपागंज ब्लॉक के मोहम्मदपुर बाबूपुर गांव निवासी भीम राजभर का जन्म 3 सितंबर 1968 को हुआ था। भीम राजभर की प्राथमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में नहीं महाराष्ट्र राज्य में हुई थी। संतरे के लिए दुनिया में मशहूर नागपुर में सेकेंड्री शिक्षा हुई थी। स्नताक 1985 व परास्नातक 1987 में छत्तीसगढ़ से किया। उसके बाद यूपी के बलिया से एलएलबी कर भीम राजभर ने एक वकील के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया। साथ ही अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वर्ष 1985 में ही बसपा का दामन थाम लिया। भीम के पिता पिता स्व. रामबली राजभर कोल्ड फील्ड में सिक्योरिटी इंचार्ज पद पर कार्यरत थे। भीम राजभर ने वर्ष 1985 में बूथ अध्यक्ष के तौर पर बसपा में काम शुरू किया। फिर इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 2001 में इन्हें बसपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद इन्होंने जोन कोआर्डीनेटर, चीफ कोआर्डीनेटर आदि पदो पर काम किया। वर्ष 2017-18 में बसपा ने इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया था। इसके बाद वर्ष 2018 से 2020 तक वे बिहार के प्रभारी रहे। 15 नवंबर को राम अचल राजभर को हटाकर भीम को बसपा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। अब मायावती ने इन्हें वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। वर्ष 2012 के चुनाव से पूर्व जब बसपा के लिए कठिन दौर था। घोटालों की आंच पार्टी की मुश्किल बढ़ा रही थी। उसी समय बसपा में रहे बाहुबली अंसारी बंधु मुख्तार व अफजाल ने बगावत कर कौमी एकता दल का गठन किया था। इससे पूर्वांचल की राजनीति काफी प्रभावित हुई थी। मुख्तार अंसारी ने अपने दल से चुनाव लड़ा और बसपा उस समय भीम राजभर को मुख्तार के मुकाबले मैदान में उतारा था। भीम ने बाहुबली को कड़ी टक्कर दी थी। यह अलग बात है कि उन्हें 5,904 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर इसी सीट से उन्हें को प्रत्याशी बनाया गया है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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