शहनाज़ सिदरत ने किया 'जदीद हिंदुस्तान बनाने में मुस्लिम ख़वातीनो की शिरकत' पुस्तक का विमोचन
लखनऊ: महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करने वाली अग्रणी समाज सेवी संस्था बज़्म ए ख्वातीन की सदारत में ७५वेँ स्वतंत्रस दिवस पर जानना पार्क अमीनाबाद में "जंग ए आज़ादी में महिलाओं का किरदार" पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के दौरान बेगम शहनाज़ सिदरत ने डॉक्टर तनु डांग, सादिक़ तस्मीन, जीनत वाहिद और शोभा भरद्वाज को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और समाज में दिए हुए उन के योगदान को सराहा। उन्होने कहा की एक सच्चा देशभक्त ही सच्चा मुसलमान हो सकता है और हम सब सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं । उन्होने कहा की जो आज़ादी हमारे पूर्वजों ने दी है हमे उसे ज़ाया नहीं होने देना है तथा आपसी भाईचारे के साथ संजो के रखना है । यही नहीं , बल्कि आने वाली नस्लों को भी हमें आपसी सौहार्दय देशप्रेम और कौमी एकता की तालीम भी देनी होगी । स्वतंत्रता आंदोलन में बराबर का किरदार निभाती हुयी महिला स्वतंत्र संग्रामियों के बारें में बताते हुए बेगम शहनाज़ सिदरत ने कहा की बी अम्मा,जहाँआरा शाहनवाज़, आबिदा बनो बेगम जैसी कई खवातीनो ने उस समय में भी देश की स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था । उन्होंने कहा की आज़ादी के बाद भी मुस्लिम महिलाऒं जैसे नज़्मा अख्तर, शहनाज़ हुसैन, सान्या मिर्ज़ा आदि ने अलग अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनायीं और इस मुल्क का नाम रोशन किया । इसी सन्दर्भ में अपनी सास बेगम सुल्ताना हयात को याद करते हुए उन्होने कहा की बेगम सुल्ताना ने भी खवातीनो का योगदान बनाये रखने के लिए बज़्म ए ख़वातीन की नीव रखी जिसने न सिर्फ खावतीनो के हक़ की लड़ाई लड़ी बल्कि उनको एक अच्छे मुकाम पर भी पहुंचाया । तनु डांग ने स्वतंत्रा दिवस की बधाई देते हुए कहा की देश तभी बदलेगा जब हम बदलेंगे इसीलिए सबसे पहला बदलाव हमे अपने घर से करना होगा, हमे अपने बच्चों को फिर चाहे वो लड़का हो या लड़की एक सामान तालीम देनी होगी और दूसरों की इज़्ज़त करना सीखना होगा। हम बच्चियों के लिए समाज तभी मेहफ़ूज़ कर सकते हम जब अपने लड़कों को अच्छी सीख दें |कार्यक्रम के दौरान बेगम शहनाज़ सिदरत ने मुस्लिम महिला स्वतंत्रता संग्रामियों तथा प्रगतिशील मुस्लिम खावतीनो पर खुशबू खान द्वारा संकलित "जदीद हिन्दुतान बनाने में मुस्लिम खावतीनो की शिरकत" नामक पुस्तक का विमोचन किया और बच्चियों ने राष्ट्रगान और देश भक्ति गीत गा कर हिन्दू मुस्लिम एकता को सराहा और आज़ादी के अमृत समारोह में भाग लिया ।
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