कोरोना के कारण प्रोजेक्ट की थम गई थी रफ्तार, मऊ से आजमगढ़ तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया
आजमगढ़: इंतजार खत्म ...। फेफना-शाहगंज रेलवे लाइन पर अब शीघ्र ही इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ेंगी। वर्षाें से इलेक्ट्रिक ट्रेनों का इंतजार कर रहे जनपदवासियों की अब उम्मीदें पूरी होने वाली है। मऊ से आजमगढ़ तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। ट्रेनों को ट्रैक पर दौड़ाने में आड़े आ रहे शेष कार्य 15 अगस्त से पूर्व तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। उसके बाद सुरक्षा के दृष्टि से ट्रेनों के परिचालन का ट्रायल किए जाने के बाद किसी रेलवे बोर्ड के निर्णय के साथ ही यात्रियों की मुह मांगी मुरादें पूरी हो जाएंगी। रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2019 में फेफना (बलिया) से शाहजगंज (जौनपुर) रेलखंड के दोहरीकरण व विद्युतीकरण के लिए मंजूरी दिया था। उस समय करीब 50 करोड़ का बजट जारी हुआ तो इंजीनियर योजना को जमीन पर उतारने के लिए पूरी ऊर्जा से लग गए। प्रोजेक्ट को वर्ष 2020 के अंत तक पूरा कर लिया जाना था। लक्ष्य को हासिल करने की रफ्तार से ही इंजीनियर काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना ने रफ्तार में रोड़ा अटका दिया था। कोरोना की रफ्तार थमने के साथ ही रेलवे ने फिर से योजना को रफ्तार देते हुए उसे पूर्ण करने को आगामी 15 अगस्त को डेटलाइन निर्धारित किया है। यह मंशा है कि अगस्त महीने में ट्रायल उसके बाद फिर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के लिए ओएचई में करेंट फ्लो करा दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ी तो होंगे फायदे ही फायदे
1- यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगा।
2- ट्रेनों को मंजिल तक पहुंचने में समय कम लगेगा।
3- दूसरे रूट की ट्रेनें भी गुजरेंगी तो यात्रियों के लिए विकल्प बढ़ेगा।
4- रेलवे के राजस्व को भी फायदा होगा।
5- डीजल इंजन आधारित ट्रेनें बंद होने से पर्यावरण को फायदा होगा।
आजमगढ़-शाहगंज रेलखंड पर काम दूसरे चरण में : योजना का ही हिस्सा आजमगढ़-शाहगंज रेलखंड का विद्युतीकरण करने का है। ओएचई (ओवर हाईटेंशन इलेक्ट्रिक) बिछाने का काम तो इस रेलखंड पर भी पूरा हो गया है। हालांकि, इलेक्ट्रिक ट्रेनों के दौड़ने के लिए दूसरे कई कार्यों की प्रगति अभी भी शून्य है। ऐसे में इसे शुरू करने की योजना दूसरे चरण में रखी गई है। जनसंपर्क अधिकारी, रेलवे मंडल वाराणसी अशोक कुमार ने कहा कि मऊ से आजमगढ़ तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। शेष कार्य भी 15 अगस्त के पहले तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद इलेक्ट्रिक व लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। चूंकि अगस्त मध्य में हम काम पूरा कर रहे हैं, ऐसे में सितंबर में ट्रेनों के संचालन भी संभव हो सकेगा। हालांकि, अंतिम निर्णय तो रेलवे बोर्ड या फिर मंत्रालय स्तर पर ही होता है।
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