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आजमगढ़: पलिया में पुलिस उत्पीड़न के मामले मे प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उठाया सवाल



कांग्रेस जिलाध्यक्ष एक दिन पूर्व से अपने समर्थकों के साथ महिलाओं के धरने में बैठे हैं


पुलिस पर हमला करने जैसे मामले में राजनीति ठीक नहीं है- एसपी

आजमगढ़: रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के घर में तोड़फोड़ व मकान तोड़ने के मामले में पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सरकारी मशीनरी की मानसिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों को मुआवजा एवं दाेषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह एक दिन पूर्व वहां की स्थिति जानने गए तो प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराते हुए धरने पर बैठ गए। उसके बाद से ही प्रियंका गांधी संगठन के स्थानीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में हैं। आजाद समाज पार्टी पहले से ही लड़ाई में कूद चुकी है। पार्टी के नेता अहसान खान भी मौके पर डटे रहे।
गौरतलब है कि 29 जून को पलिया गांव के समीप मंगरी बाजार में दो पक्षों में हुई मारपीट की खबर पर पुलिस वहां पहुंची थी। वहां बातचीत चल रही थी कि प्रधानपति व सिपाहियों में कुछ कहासुनी हो गई थी। उसी विवाद में ग्रामीणों ने पुलिस वालों को पीट दिया था। आरोप है की बाद में पुलिस ने पलिया गांव में तोड़फोड़ की थी। उसी के बाद ग्रामीणों का आक्रोश गहरा गया है। 
गांव में पुलिस की ज्यादती के विरोध में महिलाएं मुखर हुई। उनका कहना है कि किसने क्या किया? इसकी जांच करके कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। आरोप लगाया कि पुलिस ने ऐसा करने की बजाए गांव में बहुतेरे लोगों के घरों में तोड़-फोड़ की। चार मकानों को तोड़ डाले, जिसे किसी दशा में न्याय नहीं कहा जा सकता। गांव की सैकड़ा महिलाएं कहीं न्याय की गुहार लगाने जाने की बजाए शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दीं, जो सोमवार को भी बदस्तूर रहा। महिलाओं संग कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद शमशाद, अजीत राय, शाहिद, रविकांत तिवारी, दिनेश यादव, संतोष सिंह, अरविंद, एहसान खान, अमित कुमार राणा पूनम नीलम शिवांगी कलावती, सरिता, मंजू, भीम आर्मी के सोनू आर्य आदि मौजूद रहे।
हालांकि, पुलिस ने तोड़फोड़ किए जाने की घटना से इंकार किया है, पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि रौनापार मामले में सियासत की जा रही है। मामला में मौके पर गए सिपाहियों को पलिया गांव के प्रधान व उनके समर्थकों ने हमला कर घायल कर दिया था। हमलावर पक्ष पहले एक चिकित्सक की पिटाई कर रहा था, जिसकी सूचना पर पुलिस पहुंची थी। एक कांस्टेबल को गंभीर घायल होने पर उसे भर्ती कराया गया है। पुलिस पर हमला करने जैसे मामले में राजनीति ठीक नहीं है। हमले में शामिल रहे प्रधान व उसके गुंडाें पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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