केविके कोटवा के विशेषज्ञों ने किसानों को कृषि अवशेष प्रबन्धन,पोषण वाटिका, कम्पोस्टिंग आदि के बारे में जानकारी दी
आज़मगढ़: स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भारत की आजादी का अमृत महोत्सव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 93वां स्थापना दिवस के अवसर पर आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा आजमगढ़ द्वारा ग्राम पूराबालनरायन, विकास खंड हरैया में एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। केन्द्र के अध्यक्ष डाॅ के एम सिंह ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के कार्यप्रणाली के बारे में किसानों को अवगत कराया। परिषद द्वारा अटारी के माध्यम से किसान हित में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। आधुनिक कृषि यंत्रों द्वारा कृषि अवशेषों का समुचित प्रबन्धन करके फसल जलाने की समस्या से निजात पाने व महिलाओं के लिए पोषण वाटिका स्थापित करने एवं उसके फायदे के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल सुरक्षा डॉ रुद्र प्रताप सिंह ने धान, अरहर, उर्द आदि फसलों में फसल सुरक्षा उपाय व उद्यमिता विकास हेतु मधुमक्खी पालन व मशरूम उत्पादन तकनीकी के बारे में चर्चा की। केन्द्र पर संचालित डीबीटी बायोटेक किसान परियोजना के अन्तर्गत सूक्ष्मजीवों की सहायता से त्वरित कम्पोस्टिंग तकनीकी के बारे में कृषकों को अवगत कराया। डाॅ रणधीर नायक वरिष्ठ वैज्ञानिक मृदा विज्ञान ने मृदा स्वास्थ्य व उर्वरता से सम्बन्धी विषय पर विस्तार से चर्चा की तथा प्राकृतिक खेती अपनाने हेतु प्रेरित किया। डाॅ अखिलेश कुमार यादव वैज्ञानिक पादप प्रजनन ने किसानों को फसलों की उन्नतिशील प्रजातियों के बारे जानकारी देते हुए बीजोपचार व भूमि उपचार पर जानकारी साझा की।किसान गोष्ठी में 50 से अधिक किसान एवं कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया तथा वैज्ञानिकगणों से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया।किसान गोष्ठी में 50 से अधिक किसान एवं कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया तथा वैज्ञानिकगणों से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया। किसान गोष्ठी में 50 से अधिक किसान एवं कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया तथा वैज्ञानिकगणों से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया।
Blogger Comment
Facebook Comment