समय से मनरेगा का भुगतान न होने पर बीडीओ से लेकर रोजगार सेवक तक से होगी जुर्माने की वसूली
आजमगढ़: कोराना काल में गांव में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा से अधिक से अधिक निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। मगर समय से मजदूरी भुगतान नहीं की जा रही है। इस तरह की लापरवाही को लेकर मुख्य विकास अधिकारी सख्त हो गए हैं। भुगतान में में लापरवाही करने पर प्रशासन ने बीडीओ से लेकर रोजगार सहायकों तक पर लगभग 53 हजार रूपए का जुर्माना ठोका है। कोरोना काल में मजदूरों को गांव में ही काम मिले। इसके लिए प्रशासन द्वारा हर पंचायत में पर्याप्त मजदूरी के काम शुरू कराए जा रहे है। मनरेगा के काम के साथ ही प्रशासन प्रधानमंत्री आवास योजना में भी लोगों को मजदूरी दे रहा है। ऐसे में काम में लापरवाही करने वाले ब्लाक स्तर के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों पर प्रशासन ने सख्ती दिखाना शुरू कर दी है। बीडीओ, ग्राम रोजगार सेवक, एपीओ, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर आपरेटर, एकाउंटेंट व सहायक लेखाकार पर 53,800 जुर्माना लगाया गया है। जिले के 22 में 19 विकास खंडों के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर जुर्माना लगाने व वसूली की कार्रवाई जारी है। अब तक 24 हजार, 271 रुपये की ही वसूली की जा चुकी है। जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने अभी तक जुर्माना जमा नहीं किया है, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। तीन दिन के अंदर जमा न करने पर उनके वेतन से कटौती की जाएगी। ब्लाक अहरौला, अतरौलिया व जहानागंज इस कार्रवाई की जद से बाहर हैं।मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने कहा कि मौखिक व बैठकों में निर्देश दिए जाते है कि मनरेगा श्रमिकों के भुगतान की प्रक्रिया समय से पूरा कर लिया जाए लेकिन 19 ब्लाकों के संबंधित कार्मिकों की लापरवाही से भुगतान प्रभावित हुआ। इसलिए जुर्माना लगाने व वसूली की कार्रवाई जारी है।
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