.

.

.

.
.

आज़मगढ़: रेन वाटर हार्वेस्टिग के नियमों का कड़ाई से हो अनुपालन - सीडीओ


भारी ड्रिल मशीनों का उद्योग विभाग में पंजीकरण होगा अनिवार्य

किसान व घरेलू उपभोक्ताओं को कराना होगा बोरिंग का रजिस्ट्रेशन

आजमगढ़: सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेन वाटर हार्वेस्टिग के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारी ड्रिल करने वाली मशीनों को हर हाल में उद्योग विभाग में पंजीकृत कराना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक ऐसे सरकारी आवास या अ‌र्द्धसरकारी सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रणाली को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह निर्देश गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश भूजल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 की बैठक में अधिकारियों को दिए।
सीडीओ ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिग के लिए समय निर्धारित किया जाएगा। अवधि समाप्ति के बाद भी जिन उपभोक्ताओं ने मानक के अनुसार रेनवाटर हार्वेस्टिग प्रणाली का निर्माण नहीं किया है, उन पर प्राधिकरण द्वारा जनपदीय परिषद व संबंधित समितियों के माध्यम से निर्धारित अर्थदंड, पेनाल्टी वसूलने के निर्देश दिए जाएंगे। ऐसे उपभोक्ताओं के सबमर्सिबल पंप अथवा समतुल्य उपकरणों को तत्काल सील कर दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसान और घरेलू उपभोक्ताओं को भी नलकूप व बोरिंग के लिए अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें। कहा कि ऐसे सभी उपभोक्ता जिन्होंने भूजल निकासी के लिए सबमर्सिबल पंप अथवा अन्य संबंधित उपकरण लगा रखा हैं, उनको प्रत्येक दशा में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रणाली को स्थपित करना अनिवार्य किया जाए। समस्त समितियों द्वारा अपने क्षेत्रों में रेनवाटर हार्वेस्टिग के प्रोत्साहन के गोष्ठियां, नुक्कड़ नाटक, कवि सम्मेलन व प्रचार-प्रसार कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।सावित्री फूले राजकीय पालीटेक्निक के इंजीनियर कुलभूषण सिंह ने भी जलसंरक्ष के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। भूगर्भ जल विभाग के नोडल अधिकारी/आनंद प्रकाश ने भूगर्भ जल विभाग के विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायतें सहित समस्त विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद रहे।
चरणवार सरकारी व निजी संस्थानों को सुनिश्चित करनी होगी व्यवस्था
रेन वाटर हार्वेस्टिग के लिए प्रत्येक चरण में सभी सरकारी, अ‌र्द्धसरकारी, प्राधिकरणों, सहायता प्राप्त संस्थानों, निजी क्षेत्रों की संस्थाओं, स्कूल, कालेज, तकनीकी, मेडिकल कालेज इत्यादि में रेनवाटर हार्वेस्टिग प्रणाली की स्थापना के लिए एक वर्ष का समय दिया जाएगा। द्वितीय चरण (प्रथम चरण की समाप्ति के एक वर्ष के बाद) में ऐसे अन्य उपभोक्ता जिनके भवनों का क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से अधिक हो अथवा जिन्होंने सबमर्सिबल पंप लगा रखे हैं, उनमें रेनवाटर हार्वेस्टिग प्रणाली की स्थापना के लिए एक वर्ष का समय दिया जाएगा। वहीं जनपदीय परिषद द्वारा निष्क्रिय कूपों को पुर्नजीवित करने के कार्य कराए जाएंगे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल संचयन के विभिन्न माडलों जैसे हैंडपंप से गिरने वाले अनावश्यक जल को संचित करने इत्यादि को जल संचयन की कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा। ऐसी समस्त संस्थाएं जिनके द्वारा किसी भी प्रकार के स्कूल, कालेज, इंस्टीट्यूट को मान्यता, एनओसी प्रदान की जाती है, उनको अपने मानकों में रेनवाटर हार्वेस्टिग प्रणाली की स्थापना की अनिवार्यता को शामिल करना होगा।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment