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आज़मगढ़:पुलिस पर हमला करने में 28 नामजद समेत 143 के खिलाफ मुकदमा दर्ज


हमला करने वालों के घरों पर चली जेसीबी, पुलिस ने किया इन्कार,कई घरों में ताले लटक गए

रौनापार के पलिया में बीती रात विवाद में बीच बचाव करने गए 02 सिपाही हुए थे गंभीर घायल

आजमगढ़ : जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में मंगलवार की रात मारपीट के दौरान बीच-बचाव करने पहुंची पुलिस पर हमला करना भारी पड़ गया। मंगलवार की रात में ही पहुंची पुलिस ने आधा दर्जन लोगों के घरों पर जेसीबी चलवा दिया। एक दर्जन लोगों के घरों में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। पुलिसिया कार्रवाई के भय से पुरुष सदस्य गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। रौनापार थाना क्षेत्र मंगरी बाजार में मंगलवार को मऊ कुतुबपुर के डा. आनंद विश्वास के पुत्र और पलिया गांव के कुछ लोगों के बीच लड़की से बात करने के विवाद को लेकर मारपीट हो गई थी। रौनापार पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने पलिया गांव के प्रधान पति मुन्ना पासवान को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिया। यह देख गांव के लोगों ने सिपाही विवेक त्रिपाठी और मुखराम यादव मारपीट कर घायल कर दिया था। सिपाहियों पर हमले की खबर मिलने पर थानाध्यक्ष रौनापार फोर्स के साथ गांव में पहुंचे और घायल सिपाहियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। आरोपितों की धरपकड़ शुरू हुई तो पुरुष रात में ही घर से फरार हो गए। रात में लगभग नौ बजे कई थानों की पुलिस और उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए। जेसीबी मंगवाकर मुन्ना पासवान, स्वतंत्र पासवान, राजपति और बृजभान पासवान सहित आधा दर्जन लोगों के घरों पर जबरदस्त तोड़फोड़ की गई। घरों में लगी खिड़की, दरवाजे और दीवार पुलिस ने ढहवा दिया। मकान में रखा एक-एक सामान हथौड़े से तोड़ डाले। प्रधान के घर के सामने खड़े ट्रैक्टर को भी जेसीबी से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। गांव की महिलाओं ने पुलिस पर लूटपाट और अभद्रता करने का आरोप लगाया है। गांव की प्रधान मंजू पासवान, पूनम, संध्या और सुनीता ने बताया कि हम लोगों को कोई जानकारी नहीं थी। रात में पुलिस आई और जेसीबी लगाकर हमारे घर को गिराने लगी। विरोध करने पर मारा-पीटा और गालियां दी। पुलिस की कार्रवाई से पूरे गांव में दहशत है। कई घरों में ताले लटक गए हैं। वहीं पुलिस पर हमला करने के मामले में 28 नामजद समेत 143 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने दो मुकदमों में लोगों को आरोपित बनाया है। पहली कार्रवाई हेड कांस्टेबल मुखराम यादव एवं दूसरी डाक्टर के पुत्र लिट्टन की तहरीर पर की है। एसओ ने दावा किया कि पुलिस ने कोई तोड़फोड़ नही की है । थानाध्यक्ष रौनापार तारकेश्वर राय ने बेबुनियाद करार दिया है। बताया कि पुलिस ने गांव में किसी के घर तोड़फोड़ नहीं की, बल्कि पुलिस पर दबाव बनाने और मुकदमे से बचने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही तोड़फोड़ की गई है। हां, आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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