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आज़मगढ़: एक बदकिस्मत सड़क का रसूख तो देखिए साहब...



गाड़ियों में उलझी सड़कों को दौड़ का कहाँ पता था, 
वो तो मंज़िलों के लिए बनी थी, जीतने के लिए नहीं।

आज़मगढ़: शहर में वैसे तो छोटी बड़ी तमाम तरह की समस्याएं रहती हैं, समय समय पर इनसे निजात भी मिलती रहती है । पर कुछ मामले ऐसे हैं जो सीना ठोंक के आपके सामने आ खड़े होतें हैं जो आपकी लाचारगी का सटीक अंदाजा आपको करा देतें। ऐसा ही एक मामला है आज़मगढ़-वाराणसी को जोड़ने वाला शहर से गुजरने वाला मुख्य मार्ग का जी हां वही दलाल घाट चौराहे से हर्रा की चुंगी तक का,उस पर गुजरने की कल्पना मात्र से आप एक बार कांप भी गए होंगे ना। पता नही क्यों इस सड़क को जिला प्रशासन और नगर पालिका भूल से ही गए हैं। पूरे शहर में इतनी क्षतिग्रस्त सड़क शायद ही कहीं हो । हम आपका ध्यान इसलिए नही खींच रहें है कि आप अपने शहर की एक और समस्या जान लीजिए, इससे कुछ होने वाला नही है। इस मार्ग की चर्चा केवल इस लिए कर रहें है कि आपको इस रास्ते के रसूख का तो पता चले। यह सड़क आपको को सबसे बड़े सदर अस्पताल समेत 08 अन्य अस्पतालों तक पंहुचाती हैं, 04 शिक्षा के मंदिर भी इस पर गुजरने पर मिल सकते हैं। लगभग आधा दर्जन मंदिर-मस्जिद, क़ब्रिस्तान और डीह स्थान भी इसी के आसपास हैं। 24 घण्टा इस मार्ग पर आवागमन जारी रहता है। सबसे बड़ी बात इसी जर्जर मार्ग पर इसी क्षेत्र के विधायक समेत 02 अन्य विधायकों व पूर्व मंत्री का घर है जिस पर अक्सर उनकी लग्जरी गाड़ियां आये दिन हिचकोले खाती हैं।  अब वो तो कहेंगे कि हमारी सरकार तो नही है। चलो ठीक है, पर सत्ता पक्ष के नेता और मंत्री भी और प्रशासन के आला अफसर सब इसी मार्ग से सदर अस्पताल आते जाते हैं पर कोई इसकी सुध नही लेना चाहता। इंसानो के साथ भेदभाव तो देख ही रहे थे अब सड़कों के साथ भी भेदभाव देख रहे हैं। माना कि आज की राजनीति में सड़क और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों पर वोट नही मिलता पर सत्ता पक्ष और विपक्ष, मंत्री, सांसद और विधायको की निधि तो इसी नाम पर आती है। अब आप पूछेंगे की किसी ने कुछ किया क्यों नही , ऐसा नही है लोग सवाल तो पूछते ही हैं सिस्टम से। पूछा था, कुछ महीने पहले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के प्रवक्ता तल्हा रशादी ने भी नगर पालिका ईओ से लिखित में, जवाब भी आया लिखित में की भइया सड़क तो खराब है लेकिन अभी धन नही है , आएगा तो देखा जाएगा। स्थानीय निवासियों ने भी कई बार जिम्मेदारों से गुहार लगाई , पर कुछ भी ना हो सका । लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री तक भी शिकायत भेजी गई कुछ हुआ नही। अब समझ में आ रहा है कि गलती किसी की नही ये सड़क ही बदकिस्मत है । अभी हाल की बारिश में जो नजारा यहां का दिखा वो साथ की तस्वीरों में देख लीजिए, पर उधर से गुजरना मत छोड़िएगा, आखिर वो भी तो आपको मंजिल तक पंहुचाती है , चाहे जिस हाल में हो।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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