इमरजेंसी कक्ष में महिला की मौत के बाद लोगों ने खोया आपा
आजमगढ़ : इसे सेवा भावना का अभाव ही कहा जाएगा कि मंडलीय अस्पताल में सारी सुविधाओं के हाेने के बाद भी मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजा मरीज दम तोड़ रहे हैं और आएदिन अस्पताल में हंगामा हो रहा है। गुरुवार की रात भी यहां कुछ ऐसा ही हुआ। जहानागंज थाना क्षेत्र के पटहुआ गांव की रीता विश्वकर्मा (50) पत्नी हरिलाल को सांस लेने में परेशानी हो रही थी तो उन्हें लेकर परिजन जिला अस्पताल में रात लगभग 10 बजे भर्ती करने के लिए पहुंचे। आरोप है कि इमरजेंसी कक्ष में काफी देर तक रुकने के बाद भी सुचारू रूप से इलाज न होने के कारण महिला की मौत हो गई। उसके बाद परिजनों ने अपना आपा खो दिया और इमरजेंसी कक्ष में हंगामा करने के साथ तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना एसआसी अनूप कुमार सिंह को दी तो उन्होंने पहुंचकर पुलिस को अवगत कराया। शहर कोतवाल कृष्ण कुमार गुप्ता और बलरामपुर चौकी इंचार्ज अनिल मिश्रा ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी में रखवा दिया।बता दें कि मंडलीय जिला चिकित्सालय में आए दिन मृतकों के परिजन जमकर हंगामा काटते हैं जिससे व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि इलाज के नाम पर जिला अस्पताल में सिर्फ टालमटोल किया जाता है। यहां तक कि जरूरत पड़ने पर समय से ऑक्सीजन नहीं मिलता है। इलाज के लिए तीमारदार इस वार्ड से उस वार्ड तक दौड़ लगाते रहते हैं।
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