कमिश्नर ने मंडलीय अस्पताल और सीएमओ आफिस का निरीक्षण कर दिए सख्त निर्देश
जल निगम व नगर पालिका के अधिकारियों को कहा सीवर समस्या का समाधान कर सूचित करें
आजमगढ़ : कमिश्नर की सख्ती के बावजूद सरकारी कर्मचारी दफ्तर में निर्धारित समय से नहीं पहुंच रहे। मंडलायुक्त गुरुवार को सीएमओ आफिस में धमके तो प्रशासनिक अधिकारी बीके मिश्रा ही नदारद मिले। उपस्थिति पंजिका चेक किए तो सात कर्मचारी अनुपस्थित थे। वहां से निकलकर मंडलीय अस्पताल का सीवर व्यवस्था देखने बलरामपुर पहुंचे तो एक पंप बंद पड़ा था। उन्होंने जल निगम एवं नगर पालिका के अधिकारियाें को फोन कर सीवर समस्या का समाधान कर सूचित करने का दो टूक आदेश दिए। देर शाम बीके मिश्रा को प्रतिकूल प्रविष्टि और अनुपस्थित कर्मियों के वेतन काटने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त सुबह दस बजे ही सीएमओ आफिस पहुंच गए थे। हालांकि, इसकी संभावना एक दिन पूर्व भाजपा के ताकतवर एमएलसी अरविंद शर्मा के मंडलीय अस्पताल का दौरा करने के बाद ही बलवती हो उठी थी। क्योंकि उन्होंने कमिश्नर को फोन कर समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। लेकिन उसके बावजूद सीएमओ आफिस में कर्मचारियों की लापरवाही जारी रही। कमिश्नर के मंडलीय अस्पताल परिसर में पहुंचते ही अफरा-तफरी की स्थिति मच गई। वह अस्पताल की व्यवस्था देखने के बजाए सीधा सीएमओ ऑफिस में जा पहुंच तो कलई सामने आ गई। प्रशासनिक अधिकारी की कुर्सी खाली मिली तो उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सीपी गुप्ता, जेई रामनयन प्रसाद, कनिष्ठ सहायक अंजना सिंह समेत साल लोग अनुपस्थित मिले। कमिश्नर के पहुंंचने की जानकारी मिलते ही डाक्टरों के यहां जमे दलाल, निजी एंबुलेंस वाले बचते-बचाते खिसकने लगे। हालांकि, उनकी चालाकी काम नहीं आई, कमिश्नर ने कहाकि दलाल और निजी एंबुलेंस वाले अस्पताल परिसर में दिखे तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। सीवर समस्या को गंभीरता से लेने स्वास्थ्यकर्मियों को राहत मिलेगी। दरअसल, सीवर जाम होने से दुर्गंध के कारण अस्पताल परिसर में रहने वालों का जीना मुहाल हो गया था। शौचालय का गंदा पानी लोगों के घरों में पहुंचने लगा था। सीएमओ से मर्चरी हाऊस में लगे डीफ्रीजर चालू न होने और अस्प्ताल परिसर मेंं खड़े प्राइवेट एंबुलेंस के बारे में पूछा तो असहज नजर आए। इससे पर नाराजगी जताते हुए समस्याओं के निदान की बात कही।
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