मृत बन्दी को 25 जून 2019 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी
आजमगढ़: जिला चिकित्सालय में पांच दिन से जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे एक सजायाफ्ता बंदी की इलाज के दौरान शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। सरायमीर थाना क्षेत्र के रंगडीह करहां मऊ गांव निवासी दुर्जन चौहान (85) पुत्र स्व. मुसई चौहान के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज था। उसे कोर्ट से 25 जून 2019 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वह लगभग आठ माह से जिला कारागार में निरुद्ध था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक राधाकृष्ण मिश्र ने कहा कि वृद्ध होने के चलते वह काफी कमजोर हो गए थे और बीमारी से भी पीड़ित थे। हालत बिगड़ने पर जेल डाक्टर द्वारा उक्त वृद्ध कैदी को रेफर कर दिए जाने पर जेल कर्मियों ने उसे एक फरवरी को जिला मंडलीय अस्पताल लाकर भर्ती कराया था। इलाज कर रहे डा. एलजे यादव ने कहा कि दुर्जन को खून की कमी थी, जिससे उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। चिकित्सकों के अनुसार शुक्रवार की सुबह लगभग 10 बजे इलाज के दौरान वृद्ध बंदी की मौत हो गई। जेल अधिकारियों ने बंदी के मौत की खबर फोन कर स्वजनों को दिया तो परिवार के लोग भी मौके पर आ गए। परिजनों के चीख पुकार से कोहराम मच गया। मृतक दुर्जन के एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं।क
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