पशु का दूध निकाल कर उन्हें दिन में खुला छोड़ देने और फिर शाम को वापस पकड़ने वालों की अब खैर नही
गोशाला से बेसहारा पशु लेकर पालने पर 900 रु महीना मिलेगा
आजमगढ़. शहरी क्षेत्र में सुबह दूध निकालकर पशु को सड़क पर छोड़ने और फिर शाम को पकड़कर दूध निकालने वाले पशु पालकों की अब खैर नहीं है। ऐसे पशु पालकों से अब जुर्माना वसूल किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं को संरक्षण देने वाले को 900 रूपये प्रतिमाह भरण पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बता दें कि आवारा पशु आज आम आदमी के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गए हैं। पशु किसानों की फसल बर्बाद कर दे रहे है। साथ ही इन पशुओं की वजह से आए दिन दुर्घटना भी हो रही है। आवारा पशुओं के खुलेआम घूमने से किसानों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी है। आवारा पशुओं को रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गोशाला बनाई गयी है लेकिन यहां संसाधनों की कमी और प्रधानों की लापरवाही से व्यवस्था पूरी तरह फेल है। गोशाला के पशु भी गांव में विचरण कर रहे हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में पशु पालक रात भर अपने पशुओं को बांध कर रखते हैं लेकिन सुबह दूध निकालने के बाद उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं। यह पशु शहरी क्षेत्र में खुलेआम विचरण करते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही जाम का कारण बनते हैं। पहले ऐसे पशु पालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पवन हाउस व काजी हाउस हुआ करते थे जिसमें पशुओं को बांध दिया जाता था और यहां तैनात कर्मचारी पशु पालक से जुर्माना वसूलते थे। बाद में यह व्यवथा बंद हो गयी। अब पशु खुलेआम घूम रहे हैं। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी नगर पालिका और नगर पंचायत के ईओ को निर्देश दिया है कि वे ऐसे पशु पालकों के खिलाफ कार्रवाई करें जो पशु का दूध निकालकर उन्हें दिन में खुला छोड़े देते है। अब विभाग ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। जो भी पशुपालक अपने पशु को छोड़ेगा उसके खिलाफ भारी भरकम जुर्माना लगाने की तैयारी हो रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में लोग अपने बांझ अथवा नर पशुओं को खुलेआम न छोड़े इसके लिए भी व्यवस्था की गयी है। लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने पशुओं को सीधे गोशाला पहुंचाए। यहीं नहीं अगर कोई गोशाला से बेसहारा पशु लेकर पालता है तो उसे उनके भरण पोषण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बीके सिंह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति बेसहारा पशु को गोशाला से लेकर पालता है तो उसे मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत भरण पोषण के लिए प्रति माह 900 रूपये दिया जाएगा। गो-आश्रय स्थलों में रखे गए निराश्रित पशुओं को लेने के लिए कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारी या खंड विकास अधिकारी के पास आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
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