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आज़मगढ़: किसानों ने चीनी मिल के दूषित पानी के विरोध में नाला बन्द कर प्रदर्शन किया


लगाया आरोप, खुले में बह रहे दूषित पानी से खेती को हो रहा है नुकसान

आजमगढ़: चीनी मिल सठियांव से निकल रहा केमिकलयुक्त दूषित पानी आधा दर्जन गांवों के लिए परेशानी का सबब बना है। शनिवार को आक्रोशित किसानों ने प्रबंधन तंत्र के विरोध में नारा लगाते हुए नाले को बंद कर मिल गेट के क्रय केंद्र पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रधान प्रबंधक डीके सिंह व मुख्य गन्ना अधिकारी विनय प्रताप सिंह के समझाने पर एक घंटे बाद किसान मौके से हटे, तब जाकर गन्ने की तौल शुरू हुई।
किसानों का कहना था कि मिल का केमिकल युक्त दूषित पानी खुले में बहाने के कारण खेतों में एकत्र हो रहा है और उससे फसल की बोआई बाधित हो रही है। आधा दर्जन गांवों के लिए मिल का पानी परेशानी का सबब बना है। चीनी मिल से निकलने वाले पानी का पांच साल बाद भी उचित प्रबंध नहीं हुआ। शुरूआती दौर में मिल द्वारा किसानों को भरोसा दिलाया गया कि पानी फिल्टर किया जाएगा लेकिन वह हवा-हवाई साबित हुआ। मिल का पानी असोना, अवांव, देवरिया, सुराई, हरैया, बस्ती आदि गांवों के सैकड़ों एकड़ खेती युक्त जमीन पर जमा है जिसके चलते किसान खेती करने से वंचित हैं। इससे परेशान किसान निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य श्यामदेव चौहान व पूर्व प्रधान बाके यादव के नेतृत्व में मिल की चहारदीवारी के पास पहुंचे और दूषित पानी बंद करो, डायरेक्टर इस्तीफा दो का नारा लगाते हुए ईंट-पत्थर और मिट्टी से नाले को जाम कर दिया। प्रबंधन तंत्र भरोसा दिला रहा था लेकिन किसान डीएम से वार्ता पर अड़े थे। उनकी मांग थी कि नाले का निर्माण हो, मुआवजा दिया जाए और दवा का छिड़काव हो। इस बीच किसान आरोप लगा रहे थे कि जमा पानी के चलते गांव के हैंडपंप से गंदा पानी निकल रहा है जो सेहत के लिए हानिकारक है। अधिकारियों ने नाला बनाकर मिल के पानी को नदी में मिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान मानवेंद्र सिंह, परदेसी राजभर, सुरेंद्र चौहान व मुन्नी लाल चौहान आदि उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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