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सीतापुर: 'जंगे आजादी में शहीद अशफाक उल्ला खान का किरदार" विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ


स्वतंत्रता संग्राम इतिहास में राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ उल्ला खां की भूमिका हिन्दू-मुस्लिम एकता का उदाहरण है 


सीतापुर: शहर के मदरसा जियाउल इस्लाम में विगत रात्रि स्वतंत्रता सेनानी शहीद अशफाक उल्ला खान के बलिदान दिवस की याद में एक सेमिनार "जंगे आजादी में शहीद अशफाक उल्ला खान का किरदार",आयोजित किया गया । इस अवसर पर उपस्थित हुए वक्ताओं ने शहीद अशफाक उल्ला, राम प्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की । कार्यक्रम की अध्यक्षता मस्त हफीज रहमानी ने की जबकि संचालन कारी सलाहउद्दीन ने किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना आफताब आलम नदवी खैराबादी ,अन्नपूर्णा सेवा संस्थान के अध्यक्ष अनिल द्विवेदी ,अखिल भारतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष भगवती गुप्ता, इमामे जुमा शहर सीतापुर मौलाना इश्तियाक हुसैन उपस्थित हुए। उक्त विषय पर अपने विचार रखते हुए मौलाना आफताब आलम नदवी ने कहा कि अशफाक उल्ला खां व अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की खातिर अपना सब कुछ न्यौछावर कर हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया । अनिल द्विवेदी ने कहा कि गुलामी की बेड़ियों से जकड़े भारत देश को ब्रिटिश हूकुमत से आजाद कराने की खातिर कई महान क्रांतिकारियों ने खुशी-खुशी अपने प्राणों का बलिदान दिया है. जिसमें अशफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल्लाह और ठाकुर रोशन सिंह उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से हैं । 19 दिसंबर 1927 के दिन इन ही तीन क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकाया गया था । मौलाना इश्तियाक हुसैन ने कहा कि इन क्रांतिकारियों की तारीख को जिंदा रखने के लिए इनके मिशन को आगे बढ़ाना है I उन्होंने कहा की अशफ़ाक़ुल्लाह खां हिन्दू मुस्लिम एकता के बड़े हामी थे उनके सबसे घनिष्ठ मित्रो में राम प्रसाद बिस्मिल का नाम शुमार होता है । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू मुसलिम एकता का अनुपम आख्यान है । भगवती गुप्ता ने कहा कि हमें गौरव है कि हमारे देश के बच्चे बच्चे में आज भी अपने देश के प्रति ऐसा प्रेम है कि वह अपनी जान कुर्बान करने को तैयार है । मस्त हाफिज रहमानी ने कहा कि हिंदुस्तान वह प्यारा मुल्क है जिस को गंगा जमुनी तहजीब का गवारा कहा जाता है । इसकी सबसे बड़ी मिसाल यह है कि जब आजादी का सवाल आया तो सभी धर्मों के लोगों ने बिना किसी मतभेद के इस मुल्क के खातिर अपना बलिदान दिया । इस अवसर पर महफूज रहमानी, यासीन इब्ने उमर व अन्य ने भी विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का शुभारंभ तिलावते कलाम पाक से कारी असद् ने किया अंत में आए सभी लोगों का कारी सलाउद्दीन ने शुक्रिया अदा किया ।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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