शिक्षा, ज्ञान व त्याग की त्रिवेणी थे मालवीय और अटल : कुन्दन
आजमगढ़। अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा की ओर से पंडित महामना मदन मोहन मालवीय व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती नगर के लालडिग्गी स्थित बड़ा श्री गणेश मंदिर पर शुक्रवार को समारोह पूर्वक मनायी गयी। जिसमे मौजूद लोगों ने दोनों विभूतियों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनके चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। दोनों विभूतियों को याद करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्य चिकित्साधिकारी डा ए.के. मिश्र ने कहा कि आज के परिवेश में सामाजिक सदभाव बेहद जरूरी है, इन्हीं दोनों महापुरूषों के जीवन को आत्मसात करते हुए हम इस पथ पर अग्रसरित हो सकते है। अध्यक्षीय संबोधन में महासभा के प्रदेश संरक्षक पंडित सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने कहा कि मालवीय जी शिक्षा, ज्ञान व त्याग की त्रिवेणी थे, सनातन संस्कृति के योगदान में उनका सहयोग अद्वितीय है। श्री कुंदन ने आगे कहा कि राजनीति के अज्ञातशस्त्रु अटल जी के यूएसएस में पहली बार हिन्दी भाषा में धारा प्रवाह भाषण का लोहा पूरी दुनिया ने माना और उन्होंने सत्ता के लाभ के लिए कभी भी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया जो उनके व्यक्तित्व का परिचायक है। वहीं अन्य वक्ताओं में जिलाध्यक्ष हरिकेश मिश्र, ब्राह्मण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष अरूण पाठक, सौरभ उपाध्याय, विशाल उपाध्याय, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र संघ मंत्री अवनीश मिश्र रहे। संचालन रामप्रकाश तिवारी ने किया। उपस्थित लोगों में मंहत राजेश मिश्र, जितेन्द्र तिवारी, उमाकांत मिश्र, हलधर दुबे, सतीश मिश्र, डा जयशंकर मिश्र, शिवगोविन्द उपाध्याय, धनश्याम तिवारी, कन्हैया पांडेय, वेदप्रकाश पांडेय, श्रीराम मिश्र आदि प्रमुख रहे।
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