अब ग्रामीण भू संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर उपयोग कर सकेंगे- प्रभारी जिलाधिकारी
पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के 11 गांवों के ग्रामीणों का प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हुआ
आजमगढ़ : 11 अक्टूबर -स्वामित योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 6 राज्यो के 763 गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण का शुभारंभ और योजना के लाभार्थी कार्ड धारकों के साथ संवाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बताया गया कि 'स्वामित्व' योजना में ड्रोन्स के जरिए प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया है। योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए हो। इससे ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों को मालिकाना हक मिला है वह इसका इस्तेमाल बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्य कामों में भी कर सकते हैं। प्रभारी जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला द्वारा एनआईसी आजमगढ़ में स्वामित्व योजना के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित तहसील सदर के अंतर्गत तिवारीपुर ग्राम के उषा देवी, अली अहमद, दुर्गा,सुशीला, सुभागी, नंदलाल ,अच्छेलाल, चंद्रभान कुल 08 लाभार्थी एवं तहसील सदर के देवदत्त पट्टी के राम लखन, श्यामदेव, धर्मवीर सिंह, मनोज सिंह, रणधीर सिंह, एवं कन्हैया कुल 06 लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से घरौनी (ग्रामीण आवासी अभिलेख)/ संपत्ति कार्ड (प्रॉपर्टी कार्ड) वितरित किया गया । इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तहसील सदर के 6 ग्राम तथा तहसील निजामाबाद के 5 ग्राम का चयन किया गया है तहसील सदर के ग्राम मैनी में 24, कोढिया बिंदा में 10, सुरसी में 39, तिवारीपुर में 54, दुर्गापुर में 34, भीखमपुर में 30 इस प्रकार कुल 6 ग्रामों में 191 लाभार्थियों का चयन किया गया एवं तहसील निजामाबाद के देवदत्त पट्टी में 37, मोकरमाबाद मे 06, चक मजनू में 46, कोतवालीपुर में 26 एवं ईशापुर में सभी नक्शे त्रुटीपुर्ण होने से लाभार्थी का चयन शून्य है, इस प्रकार 05 ग्रामों में 115 लाभार्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि खतौनी की तर्ज पर राजस्व गांवो की आवादी जमीनों की घरौनी तैयार की गई है। प्रधानमंत्री जी द्वारा डिजिटल वितरण के अंतर्गत तैयार किये गए प्रॉपर्टी का डिजिटल घरौनी का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को पहली बार घरौनी का स्वामित्व मिल रहा है घरौनी की सम्पत्ति का स्वामी का जिला, तहसील ब्लॉक, थाना, पंचायत का नाम दर्ज होगा, संपत्ति की आबादी गाटा संख्या भूखण्ड दर्ज होगा प्रत्येक भूखण्ड का आई0डी0 नम्बर पर दर्ज होगा। इसमे भूखण्ड की चौहदी भी दर्ज होगी। अब ग्रामीण भू संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर उपयोग कर सकेंगे। इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी हरिशंकर डीपीआरओ, एडीपीआरओ सहायक भूलेख अधिकारी प्रदुमन कुमार त्रिपाठी, नायब तहसीलदार सदर उपस्थित रहे।
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