नमाज के लिए जा रहे शादाब ने पहले राम, लक्ष्मण और हनुमान को अपनी बाइक पर बैठा कर पंहुचाया भरत मिलाप स्थल
आजमगढ़ : 'नफरत के कांटों से कुछ हासिल नहीं होता, आओ उससे फूलों को निकालकर प्रेम का गुलदस्ता सजाएं, प्रयास कुछ ऐसा किया जाए कि मुस्लिम होली और हिदू ईद मनाएं'। कुछ इसी तरह की सोच के साथ काम किया शादाब ने तो लोगों ने दिल से आदाब किया। हुआ यह कि अतरौलिया के छितौनी गांव में भरत मिलाप का कार्यक्रम होना था। समय से वाहन नहीं पहुंचा तो राम, लक्ष्मण और हनुमान का रूप धारण कर कलाकार रामलीला स्थल से भरत मिलाप स्थल तक पहुंचने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे। उसी समय नमाज के लिए घर की ओर बाइक से जा रहे कंतालपुर निवासी शादाब अशरफ की नजर पड़ी तो उत्सुकतावश रुक गए। पता चला कि ऐन वक्त पर कलाकारों को ले जाने वाला वाहन नहीं आया। उन्होंने आयोजकों से बातचीत कर सबकी सहमति से कलाकारों को बाइक पर बैठाकर भरत मिलाप के स्थल पर पहुंचाया। उसके बाद वह नमाज पढ़ने गए। शादाब अशरफ इस कार्य की हर किसी ने तारीफ की। शादाब ने बताया कि देश में कुछ लोगों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि आम आदमी चाहकर भी एक-दूसरे के धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता नहीं कर पाते। कहा कि जब हिदू भाई ताजिया को कंधा दे सकते हैं तो हम राम के सारथी बन गए तो रोकेगा कौन।
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