आजमगढ़: पुरानी कोतवाली में चल रही श्री रामलीला में मंगलवार की रात कलाकारों ने श्रीराम विवाह, कलेवा और सीता विदाई का जीवंत मंचन किया। सीता जी की विदाई देख दर्शकों की आंखे छलछला गई। वहीं दर्शकों द्वारा लगाए जा रहे जयकारों से वातावरण राममय हो गया था। श्रीरामलीला मंचन के क्रम में सीता स्वयंवर के बाद राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह की तैयारियों में जुट जाते हैं। जनकपुर को फूल-मालाओं से सजाया जाता है। बाद में विधि-विधान से श्रीराम और सीता जी का विवाह होता है। इस दौरान आकाश से देवी-देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं। श्रीराम विवाह के दौरान विवाह गीतों की प्रस्तुति कर कलाकारों ने श्रद्धालुओं को खूब गुदगुदाया। इसके बाद समिति के कार्यकर्ताओं ने अयोध्या से आए बारातियों को स्वादिष्ट भोजन कराया। जिससे बाराती गदगद हो उठे। विवाह संपन्न होने पर कलाकारों ने सीता विदाई का मंचन किया। मंचन में जिसमें राजा जनक अपनी पुत्री सीता जी की विदाई करते हैं और फूट-फूट कर रोते हैं। इस दृश्य को देख सभी के आंखों से आंसू छलक जाते हैं। रामलीला के दौरान बीच-बीच में जय सीयाराम के लगाए जा रहे गगनभेदी जयकारे से पूरा क्षेत्र राममय हो गया था। विदाई के दौरान बारातियों को तरह-तरह के भेंट आदि प्रदान किया गया। इस अवसर पर डा. राजेंद्र कुमार अग्रवाल, श्रीचंद मोदनवाल, सुरेश जायसवाल, श्रवण कुमार, सुरेश केशरवानी, सतोष नेता, राजीव चैरसिया, संतोष जायसवाल, भोला सेठ, पवन गुप्ता, विनायक सिंह, त्रिलोकी साव आदि मौजूद रहे।
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