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आज़मगढ़: राम वनगमन को देख छलकी दर्शकों की आंखे


कलाकारों ने कैकेयी कोप, राम वनवास और राम-केवट संवाद का मंचन किया


आजमगढ़। श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली की रामलीला में सोमवार की रात को कलाकारों ने कैकेयी कोप, राम वनवास और राम-केवट संवाद का मंचन किया। राम के वन गमन के दौरान सभी आंखे छलक गई। वहीं सूपनखा नककटैया के मंचन ने दर्शको को खूब हंसाया। 
रामलीला मंचन के क्रम में विवाह के बाद श्रीराम अयोध्या से वापस आते हैं। राजा दशरथ, राम के राजतिलक के लिए गुरु वशिष्ठ से सलाह लेते है। श्रीराम के राजतिलक की तैयारी शुरू हो जाती है। तभी मंथरा रानी कैकेयी के पास पहुंचती हैं। मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी राजा दशरथ से श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी का वरदान मांगती है। कैकेयी को राजा दशरथ द्वारा दिए गए वचन को पूरा करने के लिए श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी वनवास चले जाते हैं। इसके बाद राम केवट संवाद में श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता नदी के किनारे पहुंचते हैं। जहां श्रीराम केवट से नदी पार कराने को कहते हैं। इस केवट कहते हैं कि हे प्रभु पहले में आपके पांव को धोकर तभी नदी पार कराऊंगा। इसके बाद केवट श्रीराम के पैर धोकर उन्हें लक्ष्मण और सीता जी को नदी पार कराते हैं। बाद में कलाकारों ने सूपनखा नककटैया का मंचन किया। जिसे देख दर्शक हंसते-हंसते लोट-पोट हो गए। इसके पूर्व श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास जाने के दौरान आरती उतारी और पूजन-अर्चन किया। इस दौरान भगवान श्रीराम के जयकारे से पंडाल गूंज उठा। अंत में संयोजक विभाष सिन्हा ने सभी का आभार प्रकट किया । इस मौके पर डा. राजेंद्र कुमार अग्रवाल, श्रीचंद मोदनवाल, सुरेश जायसवाल, श्रवण कुमार, सुरेश केशरवानी, सतोष नेता, राजीव चैरसिया, संतोष जायसवाल, भोला सेठ, पवन गुप्ता, विनायक सिंह, त्रिलोकी साव आदि मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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