वर्ष 2014 में तरवां थाना क्षेत्र के ऐरा कला में मजदूर की हत्या में हुई है गैंगस्टर की कार्यवाही
आजमगढ़ : जिले की पुलिस माफिया विधायक मुख्तार अंसारी पर लगातार शिकंजा कस रही है। एक तरफ मुख्तार और उनके गुर्गो की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई चल रही है तो दूसरी तरफ मुख्तार के पुराने अपराधों का हिसाब किताब भी जारी है। आजमगढ़ पुलिस ने वर्ष 2014 में ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई में अत्याधुनिक हथियारों से की गई मजदूर की हत्या के मामले में 4 दिन पहले मुख्तार अंसारी और उसके 8 गुर्गों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई की, जिसमें मुख्तार अंसारी, राजन पासी, राजेन्द्र पासी, हरिकेश यादव, राजेश सिंह, सोहन पासी, पंजक यादव, श्याम बाबू पासी, अभिषेक मिश्र व दीपू के विरूद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। अब इसी मामले में कोर्ट ने मुख्तार के खिलाफ वारंट जारी किया है। मुख्तार को 22 अक्टूबर को गैंगेस्टर कोर्ट में पेश करने का आदेश हुआ है। बता दें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में हमेशा से वर्चस्व रहा है। असलहा तस्करी से लेकर ठेकेदारी तक में मुख्तार गिरोह के लोग शामिल रहे हैं। मुख्तार ने हमेंशा ही दहशत फैलाकर वर्चस्व कायम करने की कोशिश की। वर्ष 2014 में फरवरी माह में तरवां थाना क्षेत्र के ऐरा कला पोखरा के पास निर्माण कार्य चल रहा था। उस समय मुख्तार गैंग ने दहशत फैलाने व ठेकेदारी में अपना दबदबा कायम करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की थी। गोलीबारी में बिहार के गया का रहने वाला मजदूर राम इकबाल पुत्र मोहन घायल हो गया था बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उस समय इस मामले में आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने जब मामले की विवेचना की तो पता चला पूरा खेल मुख्तार अंसारी गैंग का था । इस मामले में पुलिस ने मुख्तार अंसारी व उनके आठ गुर्गो के खिलाफ एफआईआर तरमीम कर कार्रवाई की थी। उसी मामले में विगत आठ अक्टूबर को पुलिस ने विधायक मुख्तार अंसारी व उनके आठ गुर्गो के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी. इसकी विवेचना मेंहनगर थानाध्यक्ष प्रशांत श्रीवास्तव को सौंपी गई है. अब इस मामले में गैंगस्टर कोर्ट से मुख्तार के खिलाफ सोमवार को वारंट जारी किया गया है, जिसमें मुख्तार अंसारी को 22 अक्टूबर को आजमगढ़ गैंगेस्टर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है। चूंकि मुख्तार अंसारी पंजाब के रोपण जिला जेल में बंद है इसलिए आदेश की एक प्रति संबंधित जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारियों को भेजी गई है। मुख्तार के खिलाफ लगातार कार्रवाई से उसके गुर्गों में हड़कंप मचा हुआ है ।
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