सजा के साथ ही दोनों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया
आजमगढ़ : दहेज हत्या के मुकदमे में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरुवार को आरोपित पति को 10 व सास को सात साल की सजा के साथ ही दोनों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन शिवचंद ने सुनाया। मुकदमे के वादी रामेश्वर सिंह निवासी हरसिंहपुर थाना जीयनपुर निवासी ने अपनी पुत्री अमृता सिंह का विवाह मेंहनगर क्षेत्र के कटात गांव निवासी सचिन पुत्र रामअवध सिंह के साथ 10 मई 2009 को किया था। पिता का आरोप था कि विवाह के बाद से ही दहेज के लिए ससुराल में अमृता का उत्पीड़न किया जाता था। दहेज की मांग पूरी न करने पर 16 अगस्त 2015 को अमृता की हत्या कर दी गई। इस मामले में वादी रामेश्वर सिंह ने अमृता के पति सचिन व सास विद्या सिंह के खिलाफ मेंहनगर थाना में दहेज हत्या के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र ने वादी समेत नौ गवाहों को अदालत में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को आरोपित सचिन को 10 वर्ष का सश्रम कारावास व सास विद्या सिंह को सात साल की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपितों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। संयुक्त निदेशक अभियोजन बीपी वर्मा ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में आरोपितों को सजा दिलाने के लिए अभियोजन विभाग गंभीरता से पैरवी कर रहा है।
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