मेहनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में 27 अगस्त 2014 को हुई थी घटना, अदालत ने किया इंसाफ
आज़मगढ़ : नाबालिग किशोरी के इनकार करने पर जलाकर मार देने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आजीवन कारावास तथा साठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट नंबर एक रवीश कुमार अत्री की अदालत ने बुधवार को सुनाया। संयुक्त निदेशक अभियोजन वी पी वर्मा ने बताया कि मेहनगर थाना क्षेत्र के गांव में पीड़िता किशोरी की माँ 27 अगस्त 2014 को दवा के लिए घर से बाहर गई थी। तभी सुबह लगभग 8 बजे घर में अकेली जान कर गांव के ही दीपक उर्फ दीपू पुत्र जीताराम पीड़िता के घर में घुस गया तथा पीड़िता पर घर से भाग चलने के लिए दबाव बनाने लगा। पीड़िता ने जब इनकार किया तो उसका हाथ पकड़कर खींचने लगा।पीड़िता के एतराज करने पर आरोपी दीपक उर्फ दीपू ने चूल्हे के पास रखे मिट्टी का तेल पीड़िता के ऊपर छिड़क दिया और उसमें आग लगा दी। बुरी तरह से जली हुई अवस्था में पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई अभियोजन अधिकारी पुलिस ने जांच करने के बाद दीपक उर्फ दीपू के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन अधिकारी मानिक चंद यादव ने पीड़िता समेत नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी दीपक उर्फ दीपू को आजीवन कारावास तथा साठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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