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आजमगढ़ : मरीज के फोन पर 15 मिनट के भीतर पहुंचेगी एम्बुलेंस- जिलाधिकारी


एंबुलेंस सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिये गए निर्देश

वाहनों के रख-रखाव और कोविड उपचाराधीनों को पीजीआई पहुंचाने के बारे में भी हुई चर्चा

आजमगढ़ 21 सितम्बर-- जिले की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं पर जिलाधिकारी राजेश कुमार की हमेशा निगाह रहती है। इसका असर अब सेवाओं पर भी दिखने लगा है। मरीज का फोन आने के 15 मिनट के अंदर एम्बुलेंस बताए स्थान पर पहुंच जाएगी। इस संबंध में एंबुलेंस सेवा को निर्देशित किया गया कि मरीजों की सेवा और आपातकालीन परिस्थिति में एंबुलेंस सेवा सदैव तत्पर रहे और समय पर गंतव्य स्थान पर पहुँचना सुनिश्चित करें। 
जिला महिला अस्पताल में एंबुलेंस सेवाओं की समीक्षा बैठक में एम्बुलेंस सेवा के जिले के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। एम्बुलेंस सेवा के सुचारु संचालन के संबंध में एम्बुलेंस सेवा के इमरजेंसी मैनेजमेंट एक्जीक्यूटिव अजय राय, वरुण यादव, राघवेंद्र सिंह और इमरान ने अपने-अपने सुझाव रखे। उन्होने बताया कि वह सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हर एंबुलेंस की देखरेख में 24 घंटे लगे हुए हैं। इस समय जिले में 51 एंबुलेंस 108 नंबर की हैं तथा 52 एंबुलेंस 102 नंबर की हैं। दो एडवांस लाइफ सपोर्ट सेवा (एएलएस) की हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 370 कर्मचारी पूरी तत्परता के साथ आम लोगों तक एंबुलेंस सुविधा पहुंचाने में लगे हुए हैं।
108 और 102 एम्बुलेंस सेवा के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रभाकर यादव ने संबंधित एंबुलेंस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस बात का एहसास कराया कि आम मरीजों को अच्छी से अच्छी सुविधा देना हमारी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मरीज या उसके परिजन के फोन के 15 से 20 मिनट के भीतर एंबुलेंस को बताए स्थान पर पहुंच जाना चाहिए और गंभीर मरीज को हर हाल में अस्पताल पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसलिए जब भी मरीज या उसके परिजन की काल पूरी होने के साथ ही मरीज का नाम और पूरा पता (एम्बुलेंस कर्मी तकनीकी तौर पर उसे केस प्राप्त होना कहते हैं) की स्थिति स्पष्ट हो जाए तो काल के एक मिनट के अंदर ही एम्बुलेंस को गंतव्य की ओर चल देना चाहिए। उन्होंने एम्बुलेंस की मरम्मत के लिए रखे गए फ्लीट एक्जीक्यूटिव से कहा कि मरीजों को समय से पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की समय से मरम्मत होनी चाहिए। साथ ही निर्देश दिया जिले के एम्बुलेंस की समय पर मरम्मत की जाए। इस दौरान दो एम्बुलेंस के खराब होने का पता चला तो फ्लीट एक्जीक्यूटिव ने तुरंत उसकी मरम्मत कराई। एम्बुलेंस में मौजूद दवाइयां और ऑक्सीजन की भी जांच की गई तो सभी एंबुलेंस में पर्याप्त मात्रा में मिले। प्रोजेक्ट मैनेजर ने इस दौरान कोरोना उपचाराधीनों के पीजीआई, लखनऊ सुरक्षित पहुंचाने के बारे में भी चर्चा की।
एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी तथा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डा. एके सिंह ने बताया कि यह एम्बुलेंस कर्मियों की आम बैठकों का हिस्सा है जिसमें एम्बुलेंस सेवा को और बेहतर बनाने तथा आम लोगों की जरूरत पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाती है। इसमें ही कुछ कमियां दिखती हैं तो उन्हें दूर करने की कोशिश की जाती है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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