भारत रक्षा दल , प्रयास सामाजिक संगठन और सारथी सेवा संस्थान ने स्वामी जी को भावपूर्ण श्रद्धाजलि दे कर उनके विचारों को आत्मसात किया
आजमगढ़ : अध्यात्म विद्या और भारतीय दर्शन की ध्वज पताका विश्व स्तर पर फहराने वाले स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर जिले के सामाजिक संगठनो ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। भारत रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने चर्च चौराहे पर स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर भारत रक्षा दल की महिला शाखा की जिला अध्यक्ष छाया अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हर भारतीय के आदर्श हैं, उन्होंने जो रास्ता दिखाया अगर उस रास्ते पर हम भारत के लोग चलें तो भारत का सर्वांगीण विकास तो होगा ही भारत विश्व गुरु बनेगा । इसी क्रम मेंनगर अध्यक्ष नीतू मिश्रा ने कहा आज हम अपने महापुरुषों के बताए हुए रास्तों व उनकी विचारधारा से दूर हट रहे हैं इसीलिए तमाम सामाजिक विकृतियां बढ़ रही हैं। देश में इसीलिए शोषण अत्याचार वह भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। विनोबा भावे जी ने कहा था की अगर भारत को जानना है तो विवेकानंद को पढ़ना होगा। 39 वर्ष की अल्पायु में इस युवा सन्यासी ने भारत को विश्व स्तर पर खड़ा करके गौरव बढ़ाया आज हम लोग उनके पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए उनके बताए हुए रास्तों व विचारों से सीख लेते हुए उस पर चलने का प्रयास करेंगे इस अवसर पर प्रमुख रूप से नगर अध्यक्ष नीतू मिश्रा, पुष्पाजंलि गुप्ता, वैशाली रस्तोगी, आराधना अग्रवाल, दुर्गेश श्रीवास्तव, सुनील वर्मा, बृजेश मिश्रा, नीशिथ रंजन तिवारी, रामजनम निषाद, कौशलेन्द्र अस्थाना, मो0 अजफज, दीपक जायसवाल, मनोहर गुप्ता, डाॅ0 धीर जी श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे। वहीँ सम्पूर्ण जगत को अपनी अप्रतिम विचारों की शक्ति से आलोकित करने वाले स्वामी विवेकानन्द की 119वीं पूण्यतिथि पर प्रयास सामाजिक संगठन ने सिधारी थाना के नीबी स्थिति उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यर्पण कर उनके प्रेरक व अमूल्य बातों को याद कर प्रार्थना सभा का आयोजन किया। पूण्यतिथि के अवसर पर प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द जी को युवाओं की क्षमता और परिवर्तनकारी शक्ति पर बहुत विश्वास था। उनका मानना था कि युवा वर्ग ही आने वाले समय में राष्ट्र के विकास को सही दिशा और शक्ति देगा। उनके आदर्श आज भी युवाओं को राष्ट्र सेवा के प्रति प्रेरित करते है। उनकी पुण्यतिथि पर उनको कोटि कोटि नमन है। इस अवसर पर ई. सुनील यादव, ओमनरायण श्रीवास्तव, हरिश्चन्द्र, डा. वीरेन्द्र पाठक, राजीव शर्मा, शम्भू दयाल सोनकर, अतुल श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे। इसके अलावा सारथी सेवा संस्थान के जिला अध्यक्ष अमन रावत के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने जजी मैदान के सामने स्थित स्वामी विवेकानंद के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भाव.भीनी श्रद्धांजलि दी। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर गोष्ठी आयोजित की गयी जिसमें वक्ताओं ने युग पुरुष- स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में विनीत सिंह रिशु युग पुरुष- स्वामी विवेका नन्द के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, स्वामी विवेकानंद का मात्र 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई 1902 को उनका निधन हो गया था। अपनी तेजस्वी वाणी के जरिए पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ दिया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। 1884 में उनके पिता विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद अत्यंत गरीबी की मार ने उनके चित्त को कभी डिगने नहीं दिया। संगीत, साहित्य और दर्शन में विवेकानंद को विशेष रुचि थी। मानवता की दिव्यता के उपदेश का स्वाभाविक फल था निर्भयता और व्यावहारिकता। अंग्रेज जाति ने स्वामीजी के जीवन की कई घटनाओं में इस निर्भयता का प्रत्यक्ष उदाहरण देखा था। माल्यार्पण करने में विनीत सिंह रिशु, अमन रावत, ऋषभ राय, जितेंद्र सिंह, कुशल गोंड आदि लोग उपस्थित रहे।
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