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भूजल सप्ताह के तहत विशेषज्ञ ने ऑनलाइन संगोष्ठी में जल संचयन के उपाय बताए

2050 तक शुद्ध जल के स्तर को बनाने के लिए आज से ही जागरूक होना जरूरी है - इंजीनयर कुलभूषण सिंह

आजमगढ़। प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे भूजल सप्ताह 2020 (16 से 22 जुलाई तक) के तहत वर्षा जल है जीवन धारा, इसका संचयन संकल्प हमारा विषयक संवाद संगोष्ठी जिलाधिकारी श्री राजेश कुमार के निर्देशन में नगर के सावित्री बाई फूले पालिटेक्निक कालेज में भू जल विभाग आजमगढ़ द्वारा बुधवार को आयोजित किया गया। जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में ंइंजी कुलभूषण सिंह ने वचुर्वल संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। संवाद कार्यक्रम में आज से ही जल संचयन पर जोर देते हुए आगामी पीढ़ियों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने हेतु बच्चों को जागरूक करते हुए जल बचत, रिचार्ज, वाटर हार्वेस्टिंग के महत्वत्ता पर प्रकाश डाला। संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंजी कुलभूषण सिंह ने बताया कि मानव जीवन में जल सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, जिस तरह वर्तमान में जल का दोहन हो रहा है, ऐसे में 2050 तक शुद्ध जल के स्तर को बनाने के लिए आज से ही जागरूक होना बेहद आवश्यक है। इंजी श्री सिंह ने बताया कि जल रिचार्ज सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए हमें अपने दिनचर्या में आज से ही सचेत होना है तभी जल बचाया जा सकता है। आज स्थिति है कि प्रदेश के ही बुदेलखंड में पानी की जो समस्या उत्पन्न हो चुकी है उसकी भयावकता से सीख लेनी होगी। वर्तमान में समरसेबुल में 100 लीटर प्रति मिनट पानी निकलता है, वह पानी टंकी में ओवर फलो के कारण ंपांच मिनट में 500 लीटर बर्बाद हो जाता है। जिसके बचाव के लिए एर्लाम लगाया जाना अति आवश्यक है। हम लोग कार धोने में 300 लीटर, शौच में 20-30 लीटर पानी, ब्रश करने के दौरान खुले नल के माध्यम से पांच मिनट में 20 लीटर, नहाते समय आधे घंटे में 90 लीटर पानी बर्बाद करते है। इसके अलावा वर्तमान में आरओ मशीन द्वारा एक लीटर पानी के लिए एक चौथाई पानी बर्बाद होता है। यह वह जल है जो भूमि के अंदर से आता है, भूमिगत जल का विशेष महत्व है, इसका संचयन जरूरी है। अगर हम ब्रश करने के दौरान मग का प्रयोग करे तो मात्र आधा लीटर, टायलेट में नये फ्लश का इस्तेमाल करें तो 7.5लीटर, कार को धोने में अगर मग और बलटी प्रयोग करे तो हम 250 लीटर के सापेक्ष महज 50 लीटर पानी की मदद से कार को धुल कर बड़े पैमाने पर पानी बचा सकते है, इसे छोटे-छोटे कदमों से ही हम जल संचयन की मुहिम का बड़ा हिस्सा बन सकते है और अन्य के लिए उदाहरण बन सकते है। श्री सिंह ने कहा कि घरों के छत पर वर्षा के पानी को छत से सीधे जमीन में जाने के लिए वाटर हार्वेसिस्टंग सिस्टम लगाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि 100 इसक्वायर मीटर छत के वाटर हावेसिस्टम से हम लगभग 80 हजार -1 लाख लीटर पानी बचा सके है।
उन्होंने बच्चों से कहा कि किसानों से वार्ता करें
कि अगर उनके क्षेत्र में पानी की कमी है तो वह दलहन आदि की खेती कर धन अर्जित करें और पानी बचाये और दलहन की ज्यादा खेती कर अर्जित धन से चावल की खरीद कर ले, जो जल संचयन का एक हिस्सा होगा।
इसके अलावा इंजी कुलभूषण सिंह ने बताया कि जिस क्षेत्र मे शुद्ध पानी उपलब्ध होगा वही पर सामाजिक, आर्थिक गतिविधियां बेहतर होगी तभी निवेश, रोजगार हर तरह के साधन उस क्षेत्र को ऊर्जावान बना सकती है इसके लिए हमें पांच लोगों को जागरूक करने का चैन बनाना होगा, जिसकी शुरूआत हमें घर, मुहल्ला, नगर, जिला, प्रदेश स्तर तक कर सकते है। इस दौरान कोरोना काल में जिस तरह हाथ घुलना महत्वपूर्ण है, ऐसे में हाथ घुलते समय पानी के ंनल को समय से चालू कीजिए ताकि इस बीच के कुछ समय में ही ज्यादा पानी बचाया जा सकें ताकि पानी का बचत हो सकें।
इस दौरान कुलभूषण सिंह ने बच्चों से अपील किया पानी और हवा बनाना मानव के लिए असंभव है इसलिए पानी को समय रहते संचयन की मुहिम का आगाज आज से ही करना होगा तभी हमारी आगामी पीढ़ियो के लिए शुद्ध पानी मिल सकेंगा अन्य
था हम अपने पीढ़ियों के साथ अन्याय करेंगे।
संवाद कार्यक्रम में अधिशासी अभियंता रविकांत सिंह, प्रावि सहायक दीपक कुमार, वरिष्ठ स हायक दीपक यादव, क्षेत्रीय सहायक दारा सिंह, कनिष्ठ सहायक रितेश मिश्रा आदि ने भी संबोधित किया। इसके अलावा जीडीग्लोबल, पालिटेक्निक के इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, आदि वर्ग के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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