बाबा रामदेव से प्रशिक्षण प्राप्त कर आजमगढ़ में पिछले एक दशक से योग की अलख जगा रहें हैं देव विजय
योग एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें स्वस्थ जीवन के लिए एक भी रुपया अतिरिक्त बर्बाद नहीं होता -देव विजय
आजमगढ़: जनपद में योग की अलख जगाने का काम एक दशक से लगातार योग प्रशिक्षक देव विजय यादव कर रहे हैं। उनके अथक प्रयास से शहरों या कस्बों व गांव सभी जगह कक्षाएं आयोजित की जाती हैं जहां लोग योग के महत्व को स्वयं व्यायाम कर अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं और स्वस्थ जीवन का आनंद भी प्राप्त कर रहे हैं जिला मुख्यालय पर स्थित कुंवर सिंह उद्यान में लगभग 5 वर्ष पूर्व स्वामी रामदेव जी की प्रेरणा से योग प्रशिक्षक देवविजय यादव ने नियमित योग कक्षा की शुरुआत की जाने लगी और प्रतिदिन सैकड़ों लोग कक्षा में भाग लेकर निरोग जीवन का आनंद ले रहे हैं। योग प्रशिक्षक देव विजय यादव पेशे से परिषदीय विद्यालय में सरकारी अध्यापक हैं अपने ड्यूटी ईमानदारी से करने के साथ-साथ वे नित्य प्रतिदिन लोगों को स्वस्थ बनाने का कार्य भी जोर शोर से करते हैं। करीब एक दशक से वे जनपद के विभिन्न स्कूल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को भी योग से स्वस्थ रहने का मंत्र दे चुके हैं। जनपद के पुलिस लाइन ग्राउंड सहित वे जनपद के कई बड़े आला अफसरों को भी योग सिखाते रहे हैं साथ ही इटोरा जेल में भी कई बार कैदियों को योग का मंत्र दिए हैं। 52 वर्ष की आयु में भी देव विजय यादव की स्थिति ऐसी है कि वह 108 बार सूर्य नमस्कार एवं दंड बैठक का विस्तृत अभ्यास पूरे जोश और जुनून के साथ ऐसे करते हैं जैसे कोई 20 से 25 साल का युवा भी उतना तेजी से ना कर पाए। देव विजय यादव का पूरा परिवार योग से जुड़ा हुआ है यह वर्ष 2008 में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार गए जहां स्वामी रामदेव जी के सानिध्य में योग की बारीकियां सीखी फिर वहीं से प्रभावित होकर इन्होंने पतंजलि संगठन ज्वाइन किया। संगठन में इनकी जोश और जुनून को देखते हुए आजमगढ़ जनपद का इन्हें पतंजलि योगपीठ का संगठन भारत स्वाभिमान का जिला प्रभारी नियुक्त किया गया। करीब 3 वर्ष तक प्रभारी के रूप में अपनी सेवा देने के बाद उन्होंने अपनी इच्छा से पद छोड़ दिया। देव विजय यादव की धर्मपत्नी साधना यादव भी योग सेवा में जुटी हुई है। कोल बाज बहादुर स्थित आवास पर लोगों को योग के जरिए स्वस्थ बनाने का कार्य कर रही हैं एवं कई बार आजमगढ़ जेल में भी बंद महिला कैदियों को योग का प्रशिक्षण देती रही हैं। आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विजय यादव बताते हैं कि योग जीवन का सार है। सुबह-सुबह आधा घंटा योग करने से शरीर व मन स्वस्थ रहता है शरीर में उर्जा व स्फूर्ति का हमेशा संचार बना रहता है योग एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें स्वस्थ जीवन के लिए एक भी रुपया अतिरिक्त बर्बाद नहीं होता और शरीर को कोई बीमारी ग्रसित नहीं कर पाती खास बात यह है कि योग करने से मन के विकार दूर रहते हैं जिससे व्यक्ति अपने परिवार देश व समाज को विकास में अपना संपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनता है।
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